इलाहाबाद की पुश्तैनी हवेली का रहस्य – कुएं की चुड़ैल और भयावह कहानी
परिचय:-
छुट्टियों के मज़े कब डरावने सपनों और खौफनाक हकीकत में बदल जाएं, कोई नहीं जानता। जिगर और उसकी पत्नी दीपा अपनी पुश्तैनी हवेली में पहली बार लंबे समय के लिए आते हैं। बच्चों को हवेली का विशाल आकार बेहद भाता है, लेकिन हवेली के पीछे छिपा एक उजाड़ हिस्सा – झाड़ियों से ढका कुआं – एक ऐसा रहस्य समेटे था, जिसे जानकर आपकी रूह कांप उठेगी। क्या दीपा के डरावने सपने मात्र एक वहम थे या फिर हवेली में सचमुच कोई अशुभ शक्ति मौजूद थी? आइए जानें इस दिल दहला देने वाली कहानी में…
जिगर अपनी पत्नी दीपा और बच्चों के साथ पहली बार छुट्टियां मनाने इलाहाबाद के पास वाले गांव में अपने माँ बाप के पास अपनी पुश्तैनी हवेली में जाता है। हवेली बहुत बड़ी होती है। बच्चो की भी हवेली में खेल के मज़ा आ रहा था।क्योंकि मुंबई जैसे शहर में उन्हें इतना बड़ा घर नहीं देखा था। दीपा भी हवेली को देखकर खुश थी। हवेली की देखभाल के लिए उसके माँ बाप ने दो लोगों को रखा हुआ था।जिगर और उसकी पत्नी गांव में कई बार आये पर एक या 2 दिन के लिए आते थे।जो समय लोगों से मिलने ही चला जाता था।अबकी बार पहली बार वे छुट्टियों में आये हैं एक महीने के लिए। लोग हवेली का अच्छे से देखभाल करते और जिगर के माँ बाप का भी ख्याल रखते थे।जिगर के माँ बाप खेती बाड़ी का काम करते।उसी में उनका समय व्यतीत हो जाता।कुछ दिन तो जिगर और उसके परिवार के लोगों से मिलने मिलाने में ही लग गए।एक दिन मौसम सुहावना था, इसलिए दीपा हवेली की छत पर चली जाती है।उसे वहाँ से हवेली के पीछे का हिस्सा दिखाई देता है।जो एकदम सुनसान और उजाड़ था।उस उजाड़ हिस्से का गेट गली में खुलता है।दिखने में यह ऐसा लगता है जैसे बहुत समय पहले ये कोई पार्क या बाग हो।वहाँ एक चबूतरा भी बना हुआ था।जब दीपा ध्यान से देखती हैं तो उसे झाड़ियों के बीच में से एक कुआं दिखाई देता है।दीपा को हैरानी होती है, इतना बड़ा एरिया उजाड़ क्यों छोड़ रखा है?उस कुँए पे जा गिरा।इस जगह पर ये लोग कोई बढ़िया सा पार्क क्यों नहीं बना लेते?अचानक तेज हवा चली और दीपा का दुपट्टा उस कुँए पे जा गिरा इससे,लोगों के लिए बैठने और घूमने के लिए अच्छी जगह मिल जाएँगी।कुछ देर में बारिश शुरूहो गयी।दीपा नीचे अपने कमरे में आ जाते हैं।3 दिन तक लगातार बारिश होती रहती है।दीपा का कमरा बारिश में टपकने लगता है जिगर के पापा को हैरानी होती है। कुछ दिन पहले तो हमने हवेली की मरम्मत करवाई है।फिर इतनी जल्दी कैसे टपकने लग गया?पापा कहते हैं तुम दूसरे कमरे में शिफ्ट हो जाओ। बारिश बंद होने के बाद इस कमरे की रिपेयरिंग करवा देंगे। दीपा कमरा चेंज करती है।उसके कमरे की दीवार और उस उजाड़ जगह की दीवार एक ही थी।रात को मौसम खराब था, बिजली चमक रही थी।पापा को आधीरात में दीवार के तरफ से आवाज़ सुनाई देती।जैसे कोई दीवार को।तोड़ने की कोशिश कर रहा हो।दीपा डर के मारे जिगर को उठाती है।लेकिन जिगर को कोई आवाज़ सुनाई नहीं देती है।वो दीपा से कहता है, बिजली चमक रही है तब तुम्हें डर लग रहा होगा, ये कोई बिजली की आवाज़ होगी।और उस समय वह आवाज भी बंद हो गई थी।दीपा सोचती है ये मेरा सपना या कोई मेरा बहम होगा।और दीपा सो जाती है।उसको उस दीवार के पीछे कुछ ना कुछ आवाज़ सुनाई देती रहती थी।लेकिन जब भी वह किसी और को बताती तो आवाज आनी बंद हो जाती।कुछ दिन बाद दीपा अकेली उस कमरे में सो रही थी। क्योंकि जिगर इलाहाबाद कुछ सामान लेने गया था। और उसकी गाड़ी खराब हो जाती तो वो वही रुक गया।उसी रात दीपा को दीवार के अंदर से एक चेहरा निकलता दिखाई दिया और वो अजीब सी स्माइल कहते हुए उसके ऊपर आ गया। उसका चेहरा बिल्कुल उसके चेहरे के पास था।दीपा ज़ोर से चिल्लाना चाहती थी। लेकिन उसकी आवाज़ में ही दब गई।चाहकर भी वो अपने हाथ पैर भी नहीं हिला पा रही थी।वह पसीने से लथपथ हो गयी। वह चेहरा दीपा के चेहरे के और करीब आता जा रहा था।और दीपा के दिल की धड़कन बढ़ने लगी।जैसे ही वह चेहरा बिल्कुल उसके चेहरे के ऊपर आकर टिकता है।तो दीपा बहुत डर और पूरी कोशिश करके वे चीखती है।और डर के मारे बेहोश हो गयी।उसकी चीख की आवाज सुनकर उसके ससुराल वाले आ जाते हैं।अंदर जा कर देखती है तो दीपा बेहोश थी। दीपा का ससुर जल्दी से डॉक्टर को बुलाता।डॉक्टर को दीपा के अंदर कोई बिमारी नहीं दिखायी दी।वो कहते हैं, शायद कोई सपना देखो होगा और डर गई होगी।दीपा की सांस दीपा के पास ही सो गयी।।उनको होश आता है तो उसे बहुत तेज बुखार था।उसकी आंखें लाल थी। दीपा की सास हैरान हो जाती। रात को जब डॉक्टर से दिखाया तो डॉक्टर तो दीपा को बिल्कुल ठीक बता रहे थे। फिर ये अचानक इतना तेज बुखार कैसे हो गया?सुबह जिगर भी वापस आ गया था।वो माँ से पूछता है माँ, अचानक दीपा को क्या हुआ?माँ बताती रात को मैंने उसकी चीख की आवाज सुनी थी। जब मैं उसके कमरे में गई तो वह बेहोश थी। हमने डॉक्टर को बुलाया, डॉक्टरी कहा मुझे तो कोई बिमारी दिखाई नहीं दे रही है।अब इसे बहुत तेज बुखार है और उसकी आंखें भी लाल डॉक्टर अभी देख कर गई और दवाई दे गए।जिगर के आने के बाद माँ दीपा के लिए कुछ बनाने चली जाती और जिगर दीपा के पास ही बैठा रहता है।जिगर दीपा से पूछता कि क्या हुआ रात को?रात का नाम सुनते ही दीपा डरने लगती है।डर उसकी आँखों में साफ दिखाई दे रहा था।वो दीपा को गले लगाता है और कहते तुम डरो मत।मैं तुम्हारे साथ हूँ।दीपा बताने लगती। रात को मैंने एक बहुत डरावना सपनादेखा।एक चेहरा इस दीवार से बाहर निकला और उसकी स्माइल इतनी डरावनी थी। देखकर ही डर लगे वो चेहरा मेरी चेहरे की ओर बढ़ रहा था। मैं आवाज़ लगाना चाहती थी।लेकिन मेरी आवाज कहीं दब गई।मैं अपने हाथ पैर तक नहीं हिला पा रही थी।वह चेहरा बिल्कुल मेरे चेहरे के पास आ गया।और मैंने एकदम चीख मारी। उसके बाद क्या हुआ मुझे कुछ नहीं पता।दीपा बताते बताते डर के मारे कांपने लगी।और उसका बुखार भी तेज हो गया। जिगर दीपा की ऐसी हालत देखकर डर गया।वो डॉक्टर को बुलाता है।डॉक्टर कहते हैं, इन और शहर के हॉस्पिटल में ऐडमिट करवाना होगा।मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि उसे इतना तेज बुखार क्यों हो रहा है?जिगर उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाता है।पूरे दिन व डॉक्टरों की देखरेख में रहती है।रात होने के बाद जिगर की आंख लग जाती है।अचानक रात को दीपा का बैड हिलने लगता है। दीपा अपने हाथ में लगी सुई को हटा देती है।वो जिगर को धक्का देकर दौड़ती है।जिगर उसके पीछे जाता, लेकिन उसे वह कहीं नजर नहीं आती है।वो पूरी रात दीपा को इधर उधर ढूंढता रहता है। जिगर दीपा को ढूंढने जाता है तो उसका एक्सीडेंट हो जाता है और दीपा उसके पास बैठकर रो रही होती है।दीपा के रोने की आवाज सुनकर जिगर उसके पास आता है।जरूर वो जिगर को अपने पास देखकर खुश और हैरान होती है।दीपा को कुछ समझ नहीं आ रहा था ये उसके साथ क्या हो रहा है? जिगर उससे पूछो तुम रो क्यों रही थी। दीपा कहती हैं, मैंने बहुत बुरा सपना देखा, तुम्हारा एक्सीडेंट हो गया और तुम मर गए हो।जिगर कहता है वह सपना था सच्चाई नहीं।दीपा कहती है सब कुछ ऐसा ही था मेरे सपने में।मेरा बेटा अचानक खेलने लगता है, तुम मेरे पास आते हो और मैं यहाँ से भाग जाती हूँ, तुम मुझे पकड़ने के लिए मेरे पीछे दौड़ते और एक गाड़ी तुम्हें टक्कर मारती है।तुम्हें सड़क पर पड़ा देख मैं तुम्हारे पास आती है, तुम्हारा सिर अपनी गोद में रखकर रोने लगती हूँ क्योंकि उस समय तुम मर चूके थे। दो 3 दिन में दीपा बिल्कुल ठीक हो जाती है, वापिस हवेली आ जाते हैं।जिगरअपनी माँ और पापा को सारी बात बता देता है। दीपा को कैसे डरावने सपने आते हैं।जिगर का पापा एक तांत्रिक बाबा से मिलता है।वे लोग उस बाबा को दीपा की सारी हरकत बता देते हैं।उसे कैसे डरावने सपने आते हैं उसके सच्चाई और सपनो में कोई फरक की नजर नहीं आता।तांत्रिक बाबा उनकी पूरी हवेली की जांच कर तो अंत में वो उजाड़ एरिया को भी देखता है जहाँ पर एक कुआं झाड़ियों से ढंका हुआ था।बाबा जिगर के पापा से पूछती है यहाँ पर क्या है?पापा कहते हैं, मैं बहुत छोटा था।तब की बात है।था। इस कुएं में एक चुड़ैल है।जो भी कोई इसके आस पास जाता था वो उसको अपनी ओर कुएं में खींच लेती।यहाँ पर पहले दो तीन लोग मर चूके हैं।और फिर कुछ लोगों ने पूज मंत्रों द्वारा इस कुएं को बंद कर दिए और यहाँ आना जाना भी।बाबा उस कुएं की ओर जाने लगती है।लेकिन जिगर का पापा मना कर देते हैं।क्यों वो बहुत खतरनाक आप उधर जाएंगे तो कही वो आपको भी ना मार दे।तांत्रिक बाबा अपनी सिद्धियों का प्रयोग करके उसको एक रहस्य जानने की कोशिश करते हैं।और पता लगाते हैं उसका शिकार दीपा ही क्यों हुई?अभी तो ये सिर्फ भ्रम की स्थिति है।अभी तो दीपा को सिर्फ सपने ही परेशानी कर रहे हैं, तब क्या होगा जब चुडैल सच में अपना असर दिखाएगी?पूछते हैं यहाँ पे कोई गया था क्या?जी करके पापा कहते हैं 50 साल से यहाँ पे कोई नहीं गया।तांत्रिक बाबा कहते हैं ऐसा नहीं हो सकता। कोई गया है तभी ये चुड़ैल अपना भ्रमजाल आपकी बहु तक पहुंचा रही है।फिर बाबा की नजर वहाँ पढ़ें एक कपड़े में पढ़ती है।जो नया था।तुम तो कह रही है 50 साल से कोई नहीं है या फिर ये कपड़ा किसका हैं?जिगर उस कपड़े को पहचान लेता है, वो दीपा की चुन्नी होती है।बाबा कहते हैं इस कपड़े के माध्यम से ही वो दीपा को परेशान कर रही है।बाबा कहते हैं हमें इसे बहुत जल्दी खत्म करना पड़ेगा नहीं तो वो दीपा को भी बुला लेंगी।और हम उसे बचा नहीं पाएंगे।कल सुबह ही हम अपनी पूजा शुरू कर देंगे।अभी यह रात और निकालनी है। तुम दीपा का अच्छा ध्यान रखना और उसे कहीं जाने मत देना हो सके तो उसे कमरे में ही बंद रखो।चाहे वो कुछ भी कहे, तुम्हे एक कमरा नहीं खोलना।बाबा के कहे अनुसार वे लोग दीपा को एक कमरे में बंद कर देते हैं।रात को दीपा आवाज़ लगाती है।, जिगर गेट खोलो, मुझे बाहर आना है।लेकिन कोई गेट नहीं खोलता है।दीपा ज़ोर ज़ोर से गेट को बजाने लगती है।लेकिन किसी से कोई फर्क नहीं पड़ता।कुछ देर दीपा शांत बैठ जाती है।और फिर उठती है और बैड को दीवार में देखें मारती है।जिगर अगर ये सब खिड़की से देखता रहता है।दीपा लकड़ी से इस दीवार को तोड़ने की कोशिश करती है।उसके हाथ पूरी तरह जख्मी हो जाते हैं। उसका तो उसे खून टपकने लगता है। जिगर गेट खोलने वाला होता हैं लेकिन उसके माँ बाप रोक देते हैं। अंत में दीपा दीवार कार पर एक छेद बना लेती है।और कान लगाकर आवाज को सुनती है।और डरावनी स्माइल देती है।उसे अपने हाथों की कोई चिंता नहीं थी।जो बहुत ज्यादा घायल हो चूके थे और उनसे लगातार खून टपक रहा था।उस दीवार में हुए छेद को देखती और सुनती है।कुछ देर बाद तांत्रिक बाबा भी वहाँ जाते हैं।क्योंकि जिगर का पापा अपने नौकर को तंत्र के बाबा को बुलवाने के लिए भेज देता है।तान्त्रिक बाबा ये सब देखते हैं। वो कहते हैं एक दीवार भी तोड़ सकती है हमें उससे जल्द ही रोकना होगा।अगर वो कुएं के पास चली गई तो हम कुछ नहीं कर पाएंगे।तांत्रिक बाबा अपनी अपनी सिद्धियों से प्राप्त भवुतीको कमरे में फेंकती है।जिससे दीपा उस दीवार से दूर हट जाती।तांत्रिक बाबा दीपा को एक ज़ंजीर से बांध देते।और उसे कुएं के पास जाकर पूजा करने लगते हैं।वो दीपा की चुन्नी वहाँ से उठाते हैं।और उससे हवन कुंड में स्वाह कर देते हैं। तांत्रिक बाबा उस आत्मा को तो कैद कर लेते हैं।वे पूछते हैं, तुमने दीपा को ही क्यों चुना?वो आत्मा कहती हैं, मैं कोई चुड़ैल नहीं हूँ।मेरा पति दूसरी और से शादी करना चाहता था। जब मैंने उसे रोकना चाहा तो उसने पूरे गांव के सामने मुझे चुड़ैल साबित कर दी और यह भी कहा कि मैंने अपना बेटा इस कुएँ में फेंक दिया।और उन गांव वालों ने मुझे भी इस कुएं में धक्का दे दिया।मेरे उन्हीं लोगों को मारा है जो मेरी मौत के जिम्मेदार थे।उनमें से एक न तो मेरे बेटे को भी मार दिया।मेरा पति उस औरत के पी लिए इतना पागल हो गया। की उसने मुझे और मेरे बेटे को जान से मार दिया।जब दीपा की चुन्नी मेरे पास आकर गिरी तो उसकी खुशबू से मैं उसके दिमाग तक पहुँच गई।मैं इस कुएं से बाहर निकल के गांव वालों से बदला लेना चाहती थी।लेकिन मैं रास्ते के बीच में तुम आ गए।आत्मा को कैद करते ही दीपा बेहोश हो जाती है। कुछ देर बाद दीपा को हो सकता है।वो अपने हाथो पे पट्टी बंधी हुई देखती और पूछती है मेरे हाथों का क्या हुआ?उसे कुछ याद नहीं है की उसके साथ क्या हुआ था।कर भी उसे कुछ नहीं बताता है।फिर कहते है तुमने एक डरावना सपना देखा था, वो तुम्हें याद है।दीपा हाँ, मैं सिर हिलाती है। कहता है जब हम हॉस्पिटल जा रहे थे।तो तुम्हारे हाथों पर गर्म चाय गिर गयी थी।उसी लिए पट्टी बांध दी है। जिगर के बच्चे को दादा दादी पहले ही दूसरे घर मे भेज देते।2 दिन तक बच्चे वही रहते है।जब सब कुछ ठीक हो जाये तो तो बच्चे वापिस आ जाते हैं।दीपा भी बिलकुल ठीक हो जाती है वे अपनी छुट्टियां खत्म करके मुंबई जाते हैं।वे हवेली में खूब एन्जॉय करते है क्योंकि इस डरावने हादसे की खबर दीपा और बच्चों को नहीं थी।दीपा तो सब कुछ भूल गयी थी।
F.A.Q:-
Q1. क्या ये कहानी सच्ची घटना पर आधारित है?
A1. यह एक काल्पनिक हॉरर कहानी है, जिसे मनोरंजन और रोमांच के लिए लिखा गया है।
Q2. दीपा को हमेशा डरावने सपने क्यों आते थे?
A2. हवेली के पीछे के कुएं में मरी हुई आत्मा उसकी चुन्नी के ज़रिए उससे जुड़ गई थी और उसके दिमाग पर काबू पाने लगी थी।
Q3. तांत्रिक बाबा ने इस आत्मा को कैसे रोका?
A3. उन्होंने विशेष मंत्र और हवन के जरिए चुन्नी को नष्ट कर आत्मा को कैद कर लिया।
Q4. आत्मा असल में कौन थी?
A4. वह कोई चुड़ैल नहीं बल्कि एक निर्दोष औरत थी, जिसे धोखे से कुएं में धक्का देकर मार दिया गया था।
Q5. क्या अंत में दीपा सब कुछ भूल गई थी?
A5. हां, उसे अपने साथ घटे डरावने घटनाओं की कोई याद नहीं रहती और परिवार इस सच को उससे छुपा लेता है।