गोद ली हुई बेटी प्रीति की कहानी - दादी की वसीयत ने बदली भाई-बहन की जिंदगी | सच्चे रिश्तों की कहानी 2025
परिचय:-
क्या आपने कभी सोचा है कि सच्चा प्यार केवल खून के रिश्तों में ही होता है? आज की यह कहानी आपकी इस सोच को बदल देगी। यह है प्रीति की कहानी - एक ऐसी लड़की जो गोद ली गई थी, लेकिन जिसकी जिंदगी में खुशियां और दुख दोनों मिले। एक दादी का प्यार, माता-पिता की बदलती भावनाएं, एक भाई का सच्चा प्यार और एक वसीयत जो सबकुछ बदल गई।
यह कहानी उन सभी रिश्तों के बारे में है जो खून से नहीं, बल्कि दिल से बनते हैं। तो तैयार हो जाइए एक भावनात्मक सफर के लिए जो आपकी आंखों में आंसू ला देगा और दिल में गर्मी भर देगा।
आकाश और सीमा की सादी को 12 साल हो चूके थे।अब तक उनकी कोई संतान नहीं हुई।लगभग शादी के 12 साल बाद भी संतान न होने के कारण आकाश की माँ एक बच्चा गोद लेने के लिए कहती है।लेकिन वे लोग बच्चा गोद लेने के लिए मना कर देते हैं।उन्हें लगता है।पराया खून है। खून है क्या पता कैसा निकलेगा? ऐसे बहुत से नकारात्मक सवाल उनके दिमाग में चलते रहते है।1 दिन आकाश और सीमा सुबह की सैर के लिए गए।।रास्ते में उन्हें झाड़ियों के अंदर एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई देती है।आवाज सुनकर आकाश तुरंत पुलिस को फ़ोन करता है।जल्द ही पुलिस उस बच्चे को झाड़ियों से बाहर निकालती। वो एक नवजात बच्ची थी।बच्चे की सांसें तेज चल रही थी।आकाश और सीमा उस बच्चे को ध्यान से देख रहे थे। पुलिस उस बच्चे को अस्पताल में भेज देते हैं। आकाश पुलिस से पूछता है क्या हम इस बच्ची को गोद ले सकते हैं?पुलिस कहती है।पहले हम इस बच्ची की बुरी इन्क्वायरी निकालेंगे। अगर इसे अपनाने वाला कोई नहीं मिला तो आप इसे गोद ले सकते हैं।इन्क्वायरी करने के बाद पुलिस को उस बच्ची के बारे में कुछ जानकारी नहीं मिलती है।पुलिस आकाश को फ़ोन करती है। और पूछते क्या आप अभी भी उस बच्ची को गोद लेना चाहते हैं? तो आप तुरंत पुलिस स्टेशन आ जाईये।आप लोग कानूनी तौर पर बच्ची को गोद ले सकते हो?आकाश और सीमा तुरंत पुलिस स्टेशन पहुँच जाते हैं। उस बच्ची को गोद लेने के लिए जल्द ही सारी कानूनी कार्रवाई पूरी करके वे उस बच्ची को अपने घर ले आते है। उस बच्ची आने की खुशी में एक बड़ी पार्टी की जाती है और उस पार्टी में बच्ची का नामकरण किया जाता है उस बच्ची का नाम प्रीति रखा जाता है।प्रीति जल्द ही सबकी लाडली बन जाती है, खासकर दादी की।प्रीति के आने के बाद उनके कारोबार में बहुत ज्यादा तरक्की होती है।जब प्रीति 3 साल की होती है तो सीमा प्रेग्नेंट होती।दादी कहती हैं, प्रीति हमारे लिए लकी है। इसके आने के बाद हमारा बिज़नेस भी बहुत सक्सेस हुआ। और सीमा के माँ बनने की उम्मीद तो हम छोड़ ही चूके थे। लेकिन प्रीति के आने के बाद सब कुछ अच्छा हो रहा है प्रीति को अपने साथ खेलने के लिए बहन या भाई चाहिए था, जो अब आने वाला है। घर के बाकी लोग भी प्रीति को और ज्यादा प्यार करने लगते। समय बीतता है।अब प्रीति 20 साल की थी।और उनकी प्रॉपर्टी अब कई गुना बढ़ गयी थी।आकाश और सीमा का लगाव प्रीति की तरफ कम होने लगता । जब से उनके बेटा (समीर ) हुआ था। लेकिन प्रीति अब भी दादी की लाडली थी।प्रीति को किसी चीज़ की कमी नहीं थी, वो पढ़ाई लिखाई मे भी इंटेलीजेंट थी।वो एमबीए करकेबिज़नेस में अपने पापा की मदद करना चाहती है। लेकिन आकाश का व्यवहार प्रीति के पति कुछ कठोर था।एक दिन दादी को लगने लगा कहीं ये लोग प्रीति को घर और प्रॉपर्टी से बेदखल ना कर दे।अभी तक सारी प्रॉपर्टी दादी के नाम थी।दादी को ऐसे लगने लगा की अब उसके बेटा और बहू प्रीति को कुछ नहीं देंगे।दादी प्रीति को घर से दूर रखना चाहती।दादी अब अपनी वसीयत में प्रीति को एक अलग जगह देना चाहती थी। लेकिन इस बात की खबर घर में किसी को नहीं थी।समीर और प्रीति का रिश्ता ठीक ठाक था लेकिन उनके भाई बहन वाली स्ट्रांग बॉन्डिंग नहीं थी।दादी ने घर में सभी को कह रखा था प्रीति को यह पता नहीं होना चाहिए की हमने प्रीति को गोद लिया है।समय आने पर हम खुद यह बात बता देंगे।दादी प्रीति को घर से दूर भेजना चाहती थी ताकि घर के लोगों के बर्ताव से उसे ठेस न पहुँचे।।और दादी कहने पर प्रीति अपनी पढ़ाई के लिए विदेश चली जाती है 3 साल बाद अपनी पढ़ाई पूरी करके घर वापस आती है। प्रीति को घर में सभी का व्यवहार कुछ अजीब लग रहा था।क्योंकि वे पहले की तरह प्रीति से प्यार नहीं कर रहे थे एक दादी थी जो उसे प्यार से बातें करती थी।प्रीति जल्द ही अपने पापा की कंपनी संभाल लेती है। और अपनी मेहनत से उस कंपनी को एक मल्टीनेशनल कंपनी में बदल देती।प्रीति की काबिलियती की सब जगह तारीफ होती है।जो समीर को अच्छी नहीं लगती है।इसी बीच प्रीति को एक लड़के( वरुण) से प्यार हो जाता है। उस लड़के के बारे में प्रीति अपनी दादी को बता देती है।दादी उस लड़के से एक बार मिलती है।दादी प्रीति को कहती है।विश्वास करने से पहले उसको अच्छे से परख लेना। समय बहुत खराब है किसी भी जल्दी से यकीन मत करना।प्रीति दादी की बात को समझ जाती है। प्रीति उस लड़के के साथ अपना रिश्ता आगे नहीं बढ़ाती। 1 दिन प्रीति ऑफिस से घर लौट रही थी। रास्ते में कुछ लोग प्रीति को किडनैप कर लेते है।वो भी उसके घर के पार्किंग एरिया से।
और घर में किसी को इस बात की खबर नहीं होती।रात को जब प्रीति दादी से मिलने नहीं आती है तो दादी प्रीति को देखने उस के रूम में जाती।दादी का प्रीति कहीं नजर नहीं आती।वह घर में सभी को प्रीति के बारे में पूछते हैं, लेकिन घर में किसी को कुछ नहीं पता होता है।दादी उन सबको लड़ने लगती है।आकाश और सीमा से कहती है, तुम्हें अपनी बेटी की ज़रा भी परवाह नहीं है। अगर उसे कुछ हो गया तो?आज तुम्हारे पास जो कुछ भी है, वो उसके आने के बाद ही हुआ है।अगर वो तुम्हारी ज़िंदगी मे नहीं आती तो तुम्हे ये दिन कभी देखने को नहीं मिलते।
आकाश और सीमा प्रीति को फ़ोन करने लगते हैं।फ़ोन की घंटी जा रही थी लेकिन फ़ोन कोई नहीं उठा रहा था।ये देख कर तो अब मैं आकाश और सीमा को भी प्रीति की चिंता होने लगी।बारी बारी से सभी लोग प्रीति को फ़ोन कर रहे थे।1:30 बजे के आसपास प्रीति घर वापस आ जाती।सब लोग प्रीति को लड़ने लगते हैं।अब तकतुम कहाँ थी ये समय यह घर आने का।कहीं बाहर जाना हो तो कम से कम हमें बता तो दो, हमने इतने फ़ोन किए कम से कम फ़ोन पे ही हमें बता देती तुम लेट घर आओगी। तुम्हारे इंतजार में हम तो अपनी नींद खराब नहीं करते।प्रीति को ये सुनके से बहुत दुख होता है।घर में किसी को भी उसका बर्थडे याद नहीं है।पहले ये लोग कितने धूमधाम से बर्थडे मनाते थे।प्रीति की आँखों में आंसू आने लगते है।आकाश कहता है अभी ये रोने का नाटक मत करो, अपने कमरे में जाओ, आराम करो और हमे भी आराम करने दो वे लोग प्रीति को सुनाने में इतनी बीज़ी थे कि उन्हें यह भी ध्यान नहीं था की प्रीति के साथ कोई आया है।दादी की नजर वरुण पर पड़ती है।दादीकहती है, अरे वरुण तुम और प्रीति साथ में थे।फिर तो हमें कोई चिंता की बात नहीं थी अगर प्रीति हमें फ़ोन करके बता देती।तो हम परेशानी नहीं होते।वरुण कहता है दादी प्रीति को इस बारे में कुछ नहीं पता।आज प्रीति का बर्थडे था तो मैं सरप्राइज़ देना चाहता था।इसलिए मैंने प्रीति को वहाँ से किडनैप करवा लिया।इसके लिए की बर्थडे पार्टी रखी हुई थी।उसका बर्थडे है।उसके बर्थडे की बात सुन के घर में सभी को अफसोस होता है।उन्हें प्रीति का बर्थडे याद क्यों नहीं रहा?वरुण कहता हैं, दादी में अब चलता हूँ।आकाश दादी से कहते हैं कि आप इस लड़के को जानती है?दादी बताती है प्रीति इस लड़के से प्यार करती।और मैंने भी ये लड़का सही लगा।लेकिन प्रीति ने अभी तक अपने रिश्ता आगे नहीं बढ़ाया है मैंने प्रीति को कहा पहले इस लड़के को अच्छे से समझने और परखने, के बाद अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना।आकाश कहता है प्रीति के जिंदगी में हमारी कोई अहमियत नहीं है।उसने हमें इस लड़के के बारे में बताना जरूरी नहीं समझा।और आप हमें समझाती रहती है।हम प्रीति से प्यार नहीं करते।क्या प्रीति हमसे प्यार करती है?आपको हमारी कमियों दिख गई प्रीति का व्यवहार नहीं दिखाई देता। समीर हमें अपने बारे में हर एक बात बताता है।प्रीति को तो हमने गोद ही ले रखा है हमने उसे किसी चीज़ की कमी नहीं होने दी।प्रीति को ये सुनकर झटका लगता है कि वह उनके सगी बेटी नहीं है, बल्कि गोद लिया हुआ है।दादी को भी यह देखकर दुख होता है।वह प्रति को समझाने उसकी तरफ जाती है दादी को चक्कर आता है और वो नीचे गिर जाती।प्रीति जल्दी से दादी को संभालती है।लेकिन तब तक दादी बेहोश हो चुकी थी।दादी को अस्पताल लेकर जाते हैं। कुछ देर बाद दादी को होश आ जाता है।दादी प्रीति को सारी बात बता देती कि वो कैसे मिली थी।दादी कहती है आकाश सीमा को कोई संतान नहीं थी।फिर तुम्हे गोद लिया गया उसके बाद हमारे कारोबार में बहुत तरक्की हुई है और फिर 3 साल बाद समीर का जन्म हुआ था। प्रीति को अपना दादी के अलावा कोई नहीं लग रहा था। अचानक दादी की तबियत खराब होने लगती है। दादी को आइसीयू में रखा जाता है।लेकिन दादी को बचाया नहीं गया।अब प्रीति बिल्कुल अकेली हो गई थी।एक दादी थी जो उसे प्यार से बातें करती थी।अब वरूण ही था।जिसे प्रीति अपना समझती थी। अब प्रीति अपना और वरुण का रिश्ता आगे बढ़ाना चाहती थी।लेकिन घरवालों को वरुण और प्रीति का रिश्ता मंजूर नहीं था। इसी बीच दादी की लिखी हुई वसीयत परिवार के सामने आ जाती है।जिसमें लिखा था जो लोग प्रीति से प्यार करेगा उसे इस वसीयत का हिस्सा मिलेंगे। अब न चाहकर भी परिवार में सबको प्रीति से प्यार करना पड़ेगा। लेकिन दादी की वसीयत से ये रिश्ता एक जबरदस्ती का रिश्ता बन गया था।जिसे प्रीति और परिवार के लिए निभाना मुश्किल हो रहा था।समीर और आकाश कहते हैं, वरुण तुमसे वसीयत के लिए ही शादी करना चाहता है।वरुण उसी लो फॉर्म का मालिक है जिसने ये वसीयत बनाई है। इसलिए वरुण ने तुम्हें जानबूझकर अपने प्यार के जाल में फंसाया है।ताकि तुम्हारी प्रॉपर्टी हथिया सकें।प्रीति कहती हैं, वरुण ऐसा लड़का नहीं है। वरुण के पास तो पहले से ही इतनी प्रॉपर्टी है तो वो क्यों मेरी प्रॉपर्टी के पीछे पड़ेंगा।
प्रीति कहती है, तुम सब लोग मुझे प्रॉपर्टी के कारण वरुण से शादी करने से मना कर रहे हो?क्योंकि वरुण भी इस प्रॉपर्टी का हिस्सेदार बन जाएगा।समीर कहता है, मुझे इस प्रॉपर्टी से कोई लेना देना नहीं है। मैं तुम्हारे भले के लिए कह रहा हूँ।प्रीति कहती है, तुमने अब तक तो मेरा भला नहीं सोचा फिर अचानक कैसे भाई बनने का फर्ज निभाने लगे। जबकि अब तो तुम्हे भी पता है की मैं इनकी गोद ली हुई बेटी हूँ।मुझे इस बात , से कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम मेरी सगी बहन हो या नहीं।मैं तो तुमसे सिर्फ इसलिए दूर रहता था क्योंकि दादी हमेशा तुम्हारी ही तारीफ करती थीं, उन्हें मैं तो कहीं नजर आता ही नहीं था। मैं दीदी तुमसे नफरत नहीं करता, बल्कि नाराज था।इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे तुम्हारी कोई परवाह नहीं है।मुझे आज ही बचपन का वो पल याद है जब मैं झूले से गिर रहा था तो तुमने मेरा हाथ पकड़ रखा था।मुझे विश्वास था की तुम मुझे कुछ नहीं होने दोगी?मैं सिर्फ तुम्हारी तरफ देख रहा था और तुम रो रही थी।और तुम्हारे हाथों से खून आ रहा था, फिर भी तुमने मुझे नहीं छोड़ा। मुझे पता तुम्हारे होते हुए मुझे कुछ नहीं हो सकता।फिर मेरे होते हुए तुम्हे कुछ कैसे होने दे सकता हूँ?मुझे पूरा यकीन है वरुण सही लड़का नहीं है।और मैं जानबूझकर आपको गलत फैसला नहीं लेने दे सकता।प्रॉपर्टी की बात है तो तुम। 2 घंटे रुको, आपको इसका भी जवाब मिल जाएगा।।मैं आज भी दीदी ये कह रहा हूँ वरुण सही लड़का नहीं है।समीर कहता है शायद तुमने वसीयतरे ठीक से नहीं पढ़ी?और तुम वरुण के बारे में ठीक से जानती भी नहीं हो।तुम्हें पता है वरुण एक होटल खरीदना चाहता है।प्रीति कहती हैं, हाँ, उसने मुझसे एक बार बात की थी।समीर कहता है।, जिस होटल को खरीदना चाहता है, वह तुम्हारे नाम है।और शायद समीर भी ये बात जानता होगा।थोड़ी देर बाद वकील भी आ जाता है।समीर प्रीति को शादी करने से रोकने के लिए अपना प्रॉपर्टी का हिस्सा।प्रिति के नाम कर देता।समीर प्रीति को कहता है, मैं प्रॉपर्टी के लिए तुम्हें शादी करने से रोक नहीं रहा है बल्कि वो सच में सही लड़का नही है। समीर के मन में अपने लिए इतना प्यार और इज्जत देख कर।हैरानी होती है।क्योंकि इससे पहले प्रीति ने कभी भी समीर का एक जिम्मेदार भाई का रूप नहीं देखा था।जिसने अपनी बहन को बचाने के लिए अपनी प्रॉपर्टी भी छोड़ दी। वो भी यह जानते हुए की वो उसकी सगी बहन नहीं है और प्रॉपर्टी भी उसकी दादी की है।फिर भी उसने प्रॉपर्टी ज्यादा अपनी बहन को अहमियत दी।। बहन, भाई का रिश्ता ऐसा ही है।जहाँ बात बात पर लड़ाई और टकरार होती है।लेकिन एक दूसरे की भलाई के लिए कुछ भी कर सकते।
FAQ:-
प्रश्न 1: क्या गोद लिए गए बच्चों को सच्चा प्यार मिल सकता है?
उत्तर: बिल्कुल! प्रीति की कहानी इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण है। सच्चा प्यार खून के रिश्तों से नहीं, बल्कि दिल की भावनाओं से आता है। जैसे दादी ने प्रीति से बेशुमार प्यार किया और समीर ने अंत में अपनी संपत्ति तक दे दी।
प्रश्न 2: क्यों माता-पिता कभी-कभी गोद लिए बच्चों से दूरी बना लेते हैं?
उत्तर: यह एक जटिल मानसिक स्थिति है। जब प्राकृतिक संतान हो जाती है, तो कुछ माता-पिता अनजाने में भेदभाव करने लगते हैं। लेकिन यह गलत है - हर बच्चा बराबर प्यार का हकदार है।
प्रश्न 3: दादी ने वसीयत में ऐसी शर्त क्यों रखी?
उत्तर: दादी समझदार थी। उन्होंने देखा कि प्रीति के साथ भेदभाव हो रहा है। वसीयत की शर्त से वे यह सुनिश्चित करना चाहती थीं कि प्रीति को उसका हक मिले और परिवार में बराबरी हो।
प्रश्न 4: वरुण के चरित्र से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर: वरुण का किरदार दिखाता है कि सच्चा प्यार क्या होता है। उसने प्रीति के जन्मदिन को यादगार बनाया और कभी संपत्ति का लालच नहीं किया। सच्चे रिश्तों में स्वार्थ नहीं होता।
प्रश्न 5: समीर के चरित्र में क्या बदलाव आया?
उत्तर: समीर की सच्चाई तब सामने आई जब उसने अपनी संपत्ति प्रीति के नाम कर दी। वह साबित करना चाहता था कि उसका प्यार पैसे से बड़ा है। यह दिखाता है कि भाई-बहन का रिश्ता कितना पवित्र होता है।