असली अपराधी बच गया! पैसे की ताकत से दबा दिया मर्डर केस - सिंघानिया का सच
परिचय:-
रात के ठीक 8 बजे पुलिस स्टेशन में फोन की घंटी बजी। दूसरी तरफ था शहर का सबसे बड़ा बिजनेसमैन - अभय सिंघानिया। उसका नाम सुनते ही पुलिस में हड़कंप मच गया। पर किसे पता था कि यह फोन कॉल एक ऐसी मर्डर मिस्ट्री की शुरुआत होगी जो आज तक अनसुलझी है?
मध्यप्रदेश के इस बड़े शहर में चौथी मंजिल पर मिली एक नौकरानी की लाश, एक ईमानदार पुलिस अधिकारी की मेहनत, और अंत में पैसे की ताकत से दब गया न्याय। यह कहानी सिर्फ एक मर्डर केस नहीं, बल्कि हमारे समाज के काले सच का आईना है।
क्या आप जानना चाहते हैं कि कैसे एक निर्दोष नौकरानी आशा की जान गई? कैसे एक भ्रष्ट बिजनेसमैन ने अपने पैसे और ताकत से न्याय को दबा दिया? और क्यों आज भी यह केस अनसुलझा है?
रात के करीब 8:00 बजे।पुलिस स्टेशन में फ़ोन की घंटी बजती है।जो शहर के जाने माने बड़े बिजनसमेन अभय सिंघानिया का होता है।सिंघानिया नाम सुनते ही पुलिस तुरंत हरकत में आ जाती।सिंघानिया कहता है, मैंने जो पता सेंड किया आप लोग उस पर पहुँच जाए। यह बात है।मध्यप्रदेश के एक बड़े शहर के फ्लैट की चौथी मंजिल की थी।जहाँ एक नौकरानी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।पुलिस तुरंत मौक ए वारदात।पर पहुंचती है। पुलिस तुरंत फ्लैट के अंदर जाती है और अपनी छानबीन शुरू कर दी है।नौकरानी की लाश बाथरूम के अंदर थी।किसी ने बहुत नजदीक से उसकी कनपटी पर गोली मारी थी।फ्लैट के अंदर पुलिस की घेराबंदी देख कर उस कम्पार्टमेंटमें हड़कंप मच जाता है।क्योंकि अब तक यहाँ पर कोई भी वारदात नहीं हुई थी।एक एक करके लोग फ्लैट के आसपास इकट्ठे होने लगते।और कानाफूसी में सवालों की बौछार शुरू हो जाती है?पी। आखिर इस नौकरानी के साथ क्या हुआ होगा,उसे किसने मारा होगा?,कहीं फ्लैट के मालिक को नौकरानी का अफयेर तो नहीं था?कई फ्लैट के मालिक नहीं तो नहीं मारा नौकरानी को?,कई घर में चोरी की वारदात हुई होबीचबचाव में नौकरानी मारी गई हो।एक की आवाज़ आती है। मुझे तो पूरा यकीन है मलिक ने ही नौकरानी का खून किया है। उनका जरूर उसके साथ अफेयर होगा।नौकरानी ने उसे। ब्लैकमेल किया होगा। पी तो मालिक नहीं अपना नाम और स्टेटस बचाने के लिए उसे अपने रास्ते से हटा दिया।जैसे बहुत से सवाल थे लोगों के जुबान पर, लेकिन जवाब किसी सवाल का नहीं था उनके पास। लोगों के पास था तो सिर्फ एक चर्चा का विषय।आपस में बातें करने का मौका मिल रहा था।जब लोगो की कानाफूसी ज्यादा बढ़ जाती है तो पुलिस उन सब को वहाँ से भेज देती है।पुलिस अपनी जांच के लिए मिस्टर सिंघानिया से पूछ्ताछ के लिए आई।पुलिस कहती है क्या यह फ्लैट आपका है?और इस समय आप अकेले यहाँ क्या कर रहे हो?मिस्टर सिंघानिया कहते हैं।यह फ्लैट मैंने दो महीने पहले ही खरीदा है।8,10 दिनों से मैं यहाँ आता रहता हूँ।ये अपने दोस्तों के साथ पार्टी या कोई मीटिंग करनी हो तब मैं यहाँ आता हूँ।आज भी मैं अपने दोस्तों के साथ यहाँ पार्टी करने के लिए आया था पुलिस पूछती है अंदर जिसकी लाश पड़ी है वह कौन है?मिस्टर सिंघानिया कहता है मैंने फ्लैट की देखभाल के लिए नौकरानी (आशा)रखी हुई थी।जब मैं अंदर आया तो मैंने नौकरानी को फ़ोन किया फ़ोन की घंटी की आवाजअंदर बाथरूम से आ रही थी। मैं आवाज का पीछा करते हुए यह बाथरूम तक आया था।मैंने बाथरूम में आशा को खून से लथपथ पाया।मैंने पास जाकर देखा तो वह मरी हुई थी।और मैंने तुरंत आपको फ़ोन कर दिया।पुलिस कहती हैं हमें नौकरानी की सभी इन्फॉर्मेशन चाहिए।मिस्टर सिंघानिया कहते हैं, वो सब मैं अपने मैनेजर से मंगवा लेता। हूँ।पुलिस पूछती है क्या?नौकरानी इसी फ्लैट में रहती है?मिस्टर सिंघानिया नहीं वो सुबह साफ सफाई करने आती और फिर चली जाती थी।जब कोई और काम की जरूरत होती तो मैं उसे फ़ोन करके बुला लेता ।वो दोबार आने के डबल पैसे लेती।और वह हमेशा किसी न किसी को अपने साथ लेकरआती।वह हमारे लिए कुछ खाने पीने का बनाकर वापस अपने घर चली जाती थी। और अगले दिन साफ सफाई करने के लिए आती थी।मिस्टर सिंघानिया एक बात और आप कह रहे थे आप यहाँ अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने के लिए आए थे।फिर आपके दोस्त तो यहाँ कहीं नजर नहीं आ रही।मिस्टर सिंघानिया कहते हैं, मैंने उन्हें फ़ोन करके यहाँ केबारे में सबकुछ बता दिया था।फिर वे लोग यहाँ आकर क्या करते?मिस्टर सिंघानिया कहते हैं, मुझे और भी कामों में यहाँ से जाना चाहता हूँ।आप मेरा फ़ोन नंबर ले लो, कोई जरूरी बात हो तो मुझसे फ़ोन करके पूछ लेना।ये मेरे मैनेजर का नंबर भी ले लो, आपको सारी बात बता देगा।पुलिस कहती है हमें और कुछ नहीं चाहिए, बस नौकरानी की सारी डिटेल्स चाहिए।आप नौकरानी की डिटेल हमें दे दो और आप यहाँ से जा सकते हो।मिस्टर सिंघानिया अपने मैनेजर से नौकरानी की सारी डिटेल मंगवा कर पुलिस को दे देता है।और मिस्टर सिंघानिया वहाँ से निकल जाते हैं। पुलिस भी वो फ्लैट सील करके।पुलिस स्टेशन आ जाती है। हाई प्रोफाइल केस होने के कारण इसकी केस के लिए एक टीम का गठन किया जाता है। उस टीम केऑफिसर का नाम गौरव होता है।गोरखपुर ईमानदारी से इस केस में काम करता है।अब पुलिस इस केस को सॉल्व करने के लिए अपने एक रूपरेखा तैयार करती है। वो सबसे पहले नौकरानी के बारे में पूरे डिटेल और इन्फॉर्मेशन इकट्ठा करती है।उन्हें पता लगता है नौकरानी की सगाई हो चुकी थी। और जल्द ही शादी होने वाली थी।उन्हें पता लगता है सुबह 10:00 बजे के करीब वे दोनों इसी फ्लैट में थे।अब पुलिस का शक नौकरानी के मंगेतर पर गया।पुलिस के पास उसके बारे में कोई इन्फॉर्मेशन नहीं होती है वे फ्लैट में लगे कैमरा का फुटेज निकालते हैं, जिसमें उसका चेहरा दिखाई देता है और उसकी तलाश शुरू करते हैं।नौकरानी के घर के आसपास पूछ्ताछ करने के बाद।उसके मंगेतर की पहचान होती हैजिसका नाम राकेश और वो बिहार का रहने वाला है। पुलिस को पता चलता है कि वह 12 बजे की ट्रेन से बिहार भागलपुर जाने वाला है।अब पुलिस का शक धीरे धीरे यकीन में बदलने लगता है।अब पुलिस का पहला सस्पेक्ट वही था।जो नौकरानी का खून करके भाग रहा है। पुलिस तुरंत रेलवे पुलिस के पास राकेश की डिटेल भेज पर उसे गिरफ्तार करने के लिए कहती है।जल्द ही गौरव की टीम उसे अपने अन्डर ले रहती है।और उससे पूछ्ताछ करनी शुरू करती है राकेश को तो पता भी नहीं है। की आशा मर चुकी है। पुलिस उससे पूछती है।तुम आशा खून करके क्यों भाग रहे थे।राकेश को जब वसा के खून का पता लगता है तो शोक में चला जाता है।वो एकदम खामोश हो जाता है। पुलिस सोचती है खुद को बचाने के लिए अब कोई कहानी सुनाएगा। उसकी खामोश होते ही पुलिस उसे पीटना शुरू कर देती है। वो कहता है, मैंनेआशा को नहीं मारा है।मैं तो अपनी शादी की तैयारी के लिए गांव जा रहा था।और मुझे तो पता भी नहीं है आशा मर चुकी है। इतनी मार खाने के बाद भी राकेश यही कहता रहता है की उसने आशा को नहीं मारा।पुलिस राकेश? के बारे में जानकारी के लिए पूछ्ताछ करती है। गौरव की पूरी टीम राकेश की पूरी जन्म कुंडली निकाल लेती है। होने राकेश के खिलाफ़ कोई सबूत नहीं मिलता है।पुलिस फ्लैट के आसपास लोगों से भी पूछ्ताछ करती है।राकेश की फोटो दिखा के पूछती है क्या ये भी यहाँ फ्लैट में आता था? उस फ्लैट के सामने वाले फ्लैट के बुजुर्ग दम्पत्ति जो उसे पहचान लेते हैं। वे कहते हैं ये तो।आशा का होने वाला पति है।दोनों की बहुत अच्छी जोड़ी थी।दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे।और 15 दिन बाद तो उनकी शादी होने वाली थी। पुलिस उन बुजुर्ग दम्पत्ति से पूछते हैं, क्या आप लोगों को इन दोनों के बीच में कुछ?अजीब लगा या ऐसा लगा कि उन दोनों के बीच में कुछ प्रॉब्लम चल रही हो? बुजुर्ग दम्पति कहते हैं, नहीं, हमें तो ऐसा कुछ नहीं लगा, वे तो दोनों अपनी शादी को लेकर बहुत खुश थे। उन्हें यहाँ भी राकेश के खिलाफ़ कुछ नहीं मिलता है। अब पुलिस को एक और इम्पोर्टेन्ट जानकारी मिलती है। उन्हें पता लगता है कि मिस्टर सिंघानिया को शाम के समय करीब 4:00 बजे के आसपास यहाँ से जाते हुए देखा था।।अब पुलिस की सस्पेक्ट की सूची में मिस्टर सिंघानिया सबसे ऊपर होते हैं।गौरव अपने तरीके से सिंघानिया की इन्क्वायरी करता है।वो फ्लैट के सभी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखता है।सभी कैमरों के 2 घंटे की फुटेज गायब होती है।इससे गौरव का शक और ज्यादा बढ़ने लगता है।गौरव मिस्टर सिंघानिया से पूछता है, क्या आप शाम के समय फ्लैट में थे?मिस्टर सिंघानिया मना कर देता है, गौरव कहता है।आपको किसी ने वहाँ से 4:00 बजेअपार्टमेंट से जाते हुए देखा है?मिस्टरसिंघानिया कहते हैं, क्या तुम किसी के भी कहने से, उनकी बात पर यकीन कर लोगे?अब पुलिस उनके के फ़ोन की लोकेशन से पता करती है । वो4:00 बजे कहा था फ़ोन की लोकेशन उसके फ्लैट की ही दिखाती है।अब गौरव को पता है की मिस्टर सिंघानिया फ्लैट के अंदर ही थे दो से चार बजे के बीच में।और दो से चार बजे की ही सी सी टीवी। फुटेज गायब है।अब गौरव मिस्टर सिंघानी के मैनेजर से मिलता है।वो मिस्टर सिंघानी के बारे में पूछता है।खून वाले दिन मिस्टर सिंघानिया दो और चार बजे के बीच कहाँ थे?मैनेजर कहते है, वो एक मीटिंग में थे और मैं भी उनके साथ था।अब गौरव को कोई ठोस सबूत ढूंढना था, जिससे पता लगे कि मिस्टर सिंघानिया।दो चार के बीच में फ्लैट में थे।गौरव फ्लैट वर अपार्टमेंट आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरे चेक करता है।पास के एकबंगले के सीसीटीवी कैमरे में मिस्टर सिंघानिया की गाड़ी दिखाई देती है।2:30 बजे और वो रास्ता फ्लैट की तरफ जाता है और उसकी वापसी का समय।4:15 होता है।अब इंस्पेक्टर गौरव का पता लग जाता है कि यह खून?मिस्टर सिंघानिया ने ही किया है।वो आशा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हाल छोटी छोटी चीज़ की जानकारी लेता है। उसे आशा की बॉडी पर मिस्टर सिंघानिया के डीएनए मिलता है।उसकी बॉडी पे घसीटने के भी निशान होते हैं।अब ये पता लगता है की उसका खून कहीं और हुआ था उसे घसीटकर बाथरूम में रखा गया था।अब गौरव को ये समझ में नहीं आ रहा था मिस्टर सिंघानिया आशा को क्यों मारता है?अब पुलिस आशा के बारे में जानकारी इकट्ठी करती प्रो। हैं। कही वो मिस्टरसिंघानिया को ब्लैकमेल तो नहीं करती थी किसी चीज़ को लेके?लेकिन कुछ ऐसा नहीं मिलता है।गौरव, मिस्टर सिंघानिया सच उगलवाने के लिए अंधेरे में तीर छोड़ते है।हमारे पास बहुत से सबूत और गवाह भी। आपके खिलाफ़ अपने ही आशा को मारा है।आपने फ्लैट के सीसीटीवी फुटेज तो डिलीट कर दी, लेकिन पास के घर केकैमरे में आपकी गाड़ी दिखाई दे रही है। लेकिन मिस्टर सिंघानिया गौरव की चाल में नहीं फंसते हैं।गौरव कहता है, क्या मैं आपके ड्राइवर से बात कर सकता हूँ?सिंघानिया कहते हैं, वह काम छोड़कर अपने गांव गया।उसका गांव साउथ की तरफ है।इंस्पेक्टर गौरव कहते हैं, क्या मुझे उसका कॉन्टेक्ट नम्बर या एड्रेस मिल सकता है?मिस्टर सिंघानिया कहते हैं मेरे मैनेजर से ले लेना।मिस्टर सिंघानिया के कहने पे मैनेजर को।पता और फ़ोन नंबर देना पड़ता है।जब इंस्पेक्टर्स गौरव ड्राइवर को फ़ोन करता है तो फ़ोन स्विच ऑफ आता है।और वहाँ की लोकल पुलिस से भी ड्राइवर की इन्क्वायरी के लिए कहता है।लेकिन उस पते पे कोई नहीं मिलता है।गौरव समझ जाता है ये नहीं चाहते कि मेरी उस ड्राइवर से बात हो।जल्दी ही उसके फ़ोन से दूसरे फ़ोन नंबर का पता लगा लेता है।गौर उसे ये नहीं कहता हैं की वो इंस्पेक्टर हैं।वो उससे कहते हैं, मुझे एक अच्छे ड्राइवर की जरूरत है।क्या तुम मेरे लिए काम करोगे?वो ड्राइवर हाँ कर देता है, गौरव कहता हैउससे पहले मैं तुमसे मिलना चाहता हूँ।अगले सप्ताह मुझसे मिलना मैं तुम्हें अपना पता भेज दूंगा और तुम अपने लीगल डॉक्यूमेंट लेके आना। इंस्पेक्टर गौरव ड्राइव के सहर में पहुँचकर उसे अपना पता भेज देता। ड्राइवर भी अपने लीगल डॉक्यूमेंट लेकर उसके बताए हुए।एड्रेस और समय पर पहुँच जाता है।ड्राइवर इंस्पेक्टर गौरव के जाल में फंस जाता है।गौरव को पता था अगर मैं इसे सीधे मिलने की कोशिश करता है, वो मुझसे नहीं मिलता। जब ड्राइवर गौरव के पास आता है तो वो कहता है मैं इन्फैक्ट गौरव हूँ।मुझे तुमसे कुछ बातें करनी थी मिस्टर सिंघानिया के बारे में।मिस्टर सिंघानिया का नाम सुनकर ड्राइवर डर जाता है।इन्स्पेक्टर कहते हैं मुझे पता है तुम मिस्टर सिंघानिया के बारे में सब कुछ जानते ही हो।बस मुझे ये जानना मिस्टर सिंघानिया ने नौकरानी का खून कैसे किया। ड्राइवर हकलाती हुई आवाज में कहता है मुझे कुछ नहीं पता, मुझे नहीं पता की मिस्टर सिंघानिया ने क्या किया है।मेरा काम सिर्फ उनकी गाड़ी चलाने का था और कुछ नहीं। मुझे फ़ोन के बारे में कुछ नहीं पता।बहुत जल्द देने के बाद है। जब तेरा इधर सच्चाई नहीं बताता है तो गौरव उसे जोरदार थप्पड़ मारता है।वो कहता है, अगर मैं चाहूं तो तुम्हारा भी इसी वक्त जेल में बंद कर सकता हूँ और तुम्हे छुड़ाने के लिए भी कोई नहीं आएगा।और तुम अच्छे से जानते हों। पुलिस अपनी पूछ्ताछ कैसे करती है?यह सुनकर ड्राइवर डर जाता है।और सारी बातें बताने लगता है।ड्राइवर कहता है 1 दिन मिस्टर सिंघानिया अपने फ्लैट में सुबह 10:00 बजे जाते है, उस समय आशा की बहन (सुमन) सफाई कर रही थी।उसके साथ कोई नहीं होता है।मिस्टर सिंघानिया मुझे कार में रहने के लिए कहते हैं और खुद फ्लैट में रुक जाते हैं।सुमन बहुत खूबसूरत होती है।और मिस्टर सिंघानिया उसके साथ फिज़िकली होने के लिए पैसों का ऑफर देते हैं।मैं नाराज होते है, मिस्टर सिंघानी को थप्पड़ मार देती है।जब मिस्टर सिंघानिया को हजम नहीं होता है।और वो सुमन के साथ जबरदस्ती करता है।सुमन की उम्र सिर्फ 17 साल होती है।इस बात की खबर आशा को लगती है तो वो अगले दिन मिस्टरसिंघानिया को पुलिस में जाने की धमकी देती है।और उसे फ्लैट में बुलाती हैं। हम लोग लगभग दो 2:30 बजे फ्लैट में पहुंचते हैं।4:00 बजे के आसपास निकलते है।उस समय मैं भी उनके साथ था। वो कहती है ये सारी बातें मिसिज़ सिंघानिया को भी बता देगी।मिस्टर सिंघानी आशा को पैसे का ऑफर देता है।लेकिन आशा नहीं मानती है।जब बात ज्यादा बढ़ जाती है तो मिस्टर सिंघानी है उसका मुँह बंद करके उसे सोफे पर गिरा देते हैं। वो जल्दी से उठकर बाहर की तरफ जाने लगती है।मिस्टर सिंघानिया अपनी पिस्तौल निकालकर उसकी कनपटी पर गोली मार देते हैं।आशा को खींच कर बाथरूम में ले जाते हैं।मुझे भी अपना मुँह बंद करने के लिए बहुत सारे पैसे देते है, मुझे पता है अगर मैंने कुछ कहा तो यह मुझे भी मार देगा।मुझे अपनी जान बचानी थी इसलिए मैं चुप रहता हूँ। उसके बाद हम वहाँ से आ जाते हैं।और आगे ही कहानी तो आपको पता ही है।इंस्पेक्टर गौरव कहते हैं, क्या तुम्हारे पास इन सब चीजों को ही सबूत है?ड्राइवर बताता है लॉबी में एक हिडन कैमरा लगा हुआ है।जिसका एक्सेस मिस्टर सिंघानी के पास होता है।इंस्पेक्टर गौरव को पता है मिस्टर सिंघानिया उसकी कोई मदद नहीं करेंगे।वो अपने हैकर से कहकर उस हिडन कैमरे के सारी सारी जानकारी निकलवा लेता है अब इन्स्पेक्टर गौरव के पास मिस्टर सिंघानिया के खिलाफ़ बहुत सारे सबूत इकट्ठे हो जाते हैं।जो उसे सजा दिलाने के लिए काफी है।सिंघानिया के मैनेजर को पता लग जाता है।इन्स्पेक्टर ड्राइवर से मिला है। वो मिस्टर सिंघानिया को बचाने के लिए इंस्पेक्टर को रास्ते से हटा देते हैं।लेकिन गौरव बच जाता है।पीपर वो कोमा में होता है।मिस्टर सिंघानिया को ये नहीं पता है कि उसके फ्लैट के हिडन कैमरे की रिकार्डिंग उसकी टीम के पास है।मिस्टर सिंघानिया सोचता है। अब वो बच जाएंगे।इंस्पेक्टर की टीम पूरी रिपोर्ट अपने सीनियर ऑफिसर को हैंड ओवर कर देती है।ऑफिसर को पता लगता है की मिस्टर सिंघानिया ने ये कांड किया है तो वो मिस्टर सिंघानिया से मिलने जाता है।ऑफिसर सारी बात सिंघानिया को बताता है की ये सबूत उसे सजा दिलाने के लिए बहुत है।मिस्टर सिंघानिया उस ऑफिसर को खरीद लेता है।और सारे सबूत ले लेता है।और इस केस की इंक्वायरी चलती रहती है।जो सोल होने के बाद भी सोल नहीं हो पाता।जब इस बात की खबर इंस्पेक्टर गौरव की टीम को लगती है तो उन्हें बहुत दुख होता है उन्होंने कितनी मेहनत कर के सबूत इकट्ठे किए थे।और गौरव की तो जान पर बन आई थी।मिस्टरसिंघानिया अपने पैसों और पावर के दम से इस केस आजाद हो जाता है।उसकी इन्क्वाइरी कागज में ही दब के रह जाती है। जो अब तक सॉल्व नहीं हो पाई।एक अनसॉल्व मर्डर मिस्ट्री बन के रह गयी।
(FAQ):
प्र1: क्या यह कहानी सच्ची घटना पर आधारित है?
उ: हां, यह कहानी भारत में घटित होने वाले कई वास्तविक मामलों से प्रेरित है जहां पैसे और ताकत के कारण न्याय नहीं मिल पाता।
प्र2: क्या अभय सिंघानिया को सजा मिली?
उ: नहीं, पैसे और भ्रष्टाचार के कारण वह बच निकला और यह केस आज भी अनसुलझा है।
प्र3: इंस्पेक्टर गौरव का क्या हुआ?
उ: उस पर जानलेवा हमला हुआ लेकिन वह बच गया। हालांकि उसकी मेहनत व्यर्थ चली गई।
प्र4: क्या ड्राइवर को सजा मिली?
उ: कहानी के अनुसार ड्राइवर गवाह बना लेकिन केस दब जाने के कारण कोई कार्यवाही नहीं हुई।
प्र5: इस तरह के मामलों से कैसे बचा जा सकता है?
उ: न्यायिक सुधार, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और पारदर्शी जांच प्रक्रिया से ऐसे मामलों को रोका जा सकता है।