संपत्ति के लालच में बिखरता परिवार: सास, बहू और मोह का सच
परिचय:-
दो भाई होते प्रशांत और अजय। अजय की शादी को अभी एक महीना ही हुआ है। अजय और प्रशांत के पिता का देहांत हो चुका था उनकी माँ जो एक अध्यापक है। उनकी फैमिली आर्थिक रूप से संपन्न होती है। इसलिए सुनीता अपने बेटे की शादी मैं किसी चीज़ की कमी नहीं छोड़ती है। वैसे अजय और प्रशांत भी काम करते हैं इसलिए उन्हें पैसे की कोई कमी नहीं थी। सुनीता एक गरीब परिवार की लड़की को वधु बनाकर लाती है कि वह उसके परिवार को अच्छे से संभाल सके, सबका ख्याल रख सके। सब कुछ ठीक चल रहा था। फिर अचानक अजय की पत्नी रिया के ना जाने।क्या मन में आयी वो अलग होने की बात पकड़ लेती है? वह घर का काम करना बंद कर देती है। किसी से ठीक से बात भी नहीं करती है। वो अजय से भी ढंग से बात नहीं करती। वो बात बात पर अजय से लड़ती रहती है, ऐसे करते करते।उसे कई दिन हो गए। 1 दिन अजय की माँ सुनीता अजय जी पूछ लेती है की बहू को क्या हुआ है? वह ना तो ठीक से बात करती है और ना ही काम करती है। अपनी माँ को बताता है की रिया अलग होने के लिए कह रही है लेकिन माँ, मैं आप लोगों से अलग नहीं होना चाहता। जब मैंने अलग होने के लिए मना कर दिया तो वह जिद पकड़ कर बैठी है और मुझे छोड़ कर जाने के लिए कह रही है। अजय की माँ कहती है बेटा तुम अपनी गृहस्थी मैं आग क्यों लगा रहे हो? अगर तुम मेरे साथ अपना घर खराब करके रहोगे तो क्या मुझे अच्छा लगेगा तुम्हें अकेला देखकर। देखो, तुम हमारे दूसरे मकान में शिफ्ट हो जाओ। देखो तुम अलग हो जाओ और तुम्हारे जब मन में आए तब तुम मेरे पास आ जाना, तुम्हारे अलग होने से हमारा रिश्ता थोड़ा ही खत्म हो जाएगा। इसीलिए तुम अलग हो जाओ, खुश रहना।अजय अलग होने के लिए तैयार हो जाते हैं, लेकिन रिया को ये भी रास नहीं आता है क्योंकि अलग होने की बात सुनकर भी वो अजय से ठीक से बात नहीं कर रही थी। अजय कहता है अब क्या हुआ, अब तो हम अलग भी हो रहे हैं, फिर तुम अब भी बात नहीं कर रही? आखिर तुम चाहती क्या हो?रिया कहती हैं, मुझे प्रॉपर्टी में हिस्सा चाहिए।अजय कहता है हम कोई हिस्सा नहीं लेने वाले तुम्हें घर मिल रहा है, अलग रहने के लिए वही बहुत है। रिया कहती हैं, मुझे तो अपना हिस्सा चाहिए, नहीं तो मैं घर छोड़कर चली जाऊंगी। अजय कहते हैं, अलग होने का तो बहाना था, तुम्हें हिस्सा चाहिए था अब मैं तुम्हारे साथ हूँ तो तुम्हें हिस्से की क्या जरूरत है जब माँ का मन?होगा तब माँ अपने आप हमें हिस्से दे देगी। वैसे भी माँ ने तुम्हारी खुशी के लिए हमें अलग कर दिया, लेकिन रिया की आँखों पर लालच का पर्दा पड़ा था उसे तो अपनी सास की प्रॉपर्टी और पैसों पर नजर थी इसलिए वो कुछ भी समझने के लिए तैयार नहीं थी। बस उसे अपनी सास की संपत्ति चाहिए इसलिए 1 दिन रिया पैसों के लिए अपनी सास की चाय में नींद की गोली मिला देती है। उसे ये सब करते हुए अजय देख लेता है लेकिन वो रिया से कुछ नहीं कहता है। वो उसकी माँ को फ़ोन करके सब कुछ बता देता है। जब रिया अपनी सास सुनीता को चाय देकर आती है उसी समय अजय अपनी माँ के पास जाकर कहता है माँ क्या मैं ये चाय पी लूँ? सुनीता कहती है, ठीक है, तुम पी लो, मैं थोड़ी देर में और बना लूंगी। अजय वो चाय लेकर रिया के पास आ जाता है, वो उससे कहता है यह चाहे।माँ को तुम दे कर आई हो न, अब ये चाय तुम पियो। रिया अलग से कहती हैं, मेरा मन नहीं है और तुम भी चाहे मत पीना ये ठंडी हो गई होगी। मैं दोबारा बना देती हूँ।अजय कहता है। ये चाहे तो तुम्हे अभी पीनी पड़ेगी, वो उसे जबरदस्ती चाय पिलाने लगता है वो चाय का कप नीचे गिर जाता है। अजय कहता है, तुमने इस चाय में क्या मिलाया था? मैंने तुम्हें खुद इसमें मिलाते हुए देखा था। रिया और अजय के बीच में चाय की बात पर झगड़ा हो जाता है। रिया गुस्से में अजय को बताती है कि उसने इसमें नींद की गोली मिलाई थी। ये सुनकर अजय रिया को थप्पड़ मारता अलमारी से टकरा जाती है, जिससे उसके सिर पर चोट लग जाती है। अजय से कुछ नहीं कहती हैं। वह सीधे पुलिस स्टेशन चली जाती है। अजय और माँ के खिलाफ़ कंप्लेन कर देती है की उन्होंने उसे मारा है। कुछ देर बाद पुलिस का फ़ोन आता है अजय के पास पुलिस बताती है कि तुम्हारी पत्नी तुम्हारे खिलाफ़ घरेलू हिंसा की रिपोर्ट।लिखवाने आई है, इसलिए तुम्हें तुम्हारी माँ को पुलिस स्टेशन आना होगा। अजय यह सारी बात रिया की माँ को बता देता है। रिया की माँ अजय से पूछती हैं, यह बात तुम्हारी माँ को पता है? इन सब के बारे में अजय कहता है, अभी सिर्फ मुझे पता है, लेकिन मुझे जल्द ही माँ को बताना होगा क्योंकि रिया ने मेरे पास कोई रास्ता नहीं छोड़ा है रिया की माँ अजय से विनती करती है। तुम अब भी किसी को कुछ मत बताओ मैं कोशीश करती हूँ रिया को समझाने की अजय कहता है नहीं माँ, में रिया को इस घर में नहीं रख सकता। उसने मेरी माँ को मारने की कोशिश की है। रिया की माँ कहती है अगर वो तुम्हारी माँ की परवाह और इज्जत करेंगी।क्या तब भी तुम उसे नहीं रखोगे? अजय कहता है माँ रिया नहीं सुधरेगी। उसकी आँखों पर तो लालच का पर्दा पड़ा है। वो कहती है, बेटा मुझे एक बार कोशिश करने दो नहीं तो यह और तुम्हारा घर खराब हो जाएंगे और जब तुम्हारी माँ को इस बारे में पता लगेगा तो उन्हें भी बहुत बुरा लगेगा अजय रिया की माँ की बात मान जाता है।रियां की माँ कहती है, तुम्हें अभी पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है।मैं कहूँ उसके बाद जाना। मैं अभी रिया को उसी की भाषा में समझाती हूँ और रिया की माँ अपने बेटे सुरेश सारी बात बताती है।रियां की माँ रिया को फ़ोन करती है और रोने लगती हैं। रिया कहती हैं, माँ क्या हुआ?आप रो क्यों रही हो? सब ठीक है ना? भाई तो ठीक है सुरेश कहता है मैं बिल्कुल ठीक हूँ वो तुम्हारी भाभी ने हमारे खिलाफ़ कंप्लेन की है कि हम उसे मारना चाहते हैं और उसने हमारा नाम लिखवाया है। रिया कहती है, पर माँ भाभी ऐसा कैसे कर सकती है? आप मुझे पूरी बात बताओ, आप लोग तो उसे बहुत अच्छे से रखते थे फिर ऐसा कैसे?कर सकती है भाभी?रिया की माँ उसे सारी बात बताती हैं। वह कहती हैं, पहले उसने अलग होने की रट लगा रखी थी और सुरेश के साथ झगड़ा करती तो हमने उसे अलग कर दिया।लेकिन पता नहीं उसके दिमाग में क्या चल रहा था 1 दिन उसने मुझसे घर लेने की बात की जब मैंने उससे कहा कि अगर मैं घर तुम्हें दे दूंगी तो मैं कहाँ रहूंगी तो उसने मुझे जान से मारने की कोशीश की जब मैंने अपने बचाव के लिए उसे धक्का दिया तो वो नीचे गिर गई और उसका हाथ टूट गया और उसने इस बात का फायदा उठाकर उसने हमारे खिलाफ़ कंप्लेन कर दी।और उसने कहा कि ये सब हमने तुम्हारे कहने पर किया है, हम उसे मारते है और उसे घर से निकालना चाहते हैं। अब तुम ही बताओ अगर मैं मकान उसे दे दूंगी तो इस बुढ़ापे में मैं कहाँ जाऊंगी और क्या करूँगी? अब तुम ही बताओ मैंने उसे अपनी।बेटी की तरह रखा, उसे कोई तकलीफ नहीं होने दी। हमारे पास तो इतना पैसा भी नहीं है, फिर भी जहाँ तक संभव हुआ उसे हर चीज़ दे दी है।पैसे वालों के लिए तो हर सुविधा का इंतजाम कर आसान है। हम जैसे लोगों के लिए नहीं इसलिए तो हमने तुम्हारी शादी एक संपन्न परिवार में की। तुम्हारी तरफ से तो मुझे चिंता ना हो। अगर अजय और सुनीता आकर उन्हें समझाएं तो शायद वह।समझ जाएं रिया को अब अपने कीए। पर शर्म।और पछतावा हो रहा था। लेकिन अब वो अजय को और उसकी माँ को क्या मुँह दिखाएं? रिया की समझ में नहीं आ रहा था अब वह क्या करे? उसकी भाभी ने भी तो वही किया जो वो कर रही थी लेकिन माँ की तकलीफ देखकर उसे अपनी गलती का अहसास हुआ। रिया की माँ कहती है तुम और अजय घर पर आ जाना। रिया की माँ अपनी बेटी का घर बचाना चाहती थी, इसलिए उसने बिना समय गंवाए रिया को समझाने का कदम उठाया।उसने रिया के कंप्लेन करते ही रिया को फ़ोन कर दिया। उसकी गलती का अहसास दिलाने के लिए 1 घंटे के बाद अजय भी वहाँ आ जाता है। रिया इन्स्पेक्टर को अपनी कंप्लेन वापस लेने के लिए कह दिया है और वह सोरी बोलकर अपनी कंप्लेन वापस ले लेती है। अजय इन्स्पेक्टर से मिलता है इंस्पेक्टर कहता है आप जा सकते हो, आपकी पत्नी ने कंप्लेन वापस ले ली है। रिया अजय से माफी मांगती हैं। अजय कहते हैं, लेकिन तुमने मेरी माँ के साथ सही नहीं किया रिया कहती हैं, मैं माँ से भी माफी मांग लूंगी, लेकिन पहले आप माफ़ कर दो। अजय और रिया अपनी गाड़ी में बैठ जाते हैं घर जाने के लिए, तभी रिया की माँ का फ़ोन आता है अजय के पास वो कहती हैं, क्या आप लोग घर आ रहे हो? रिया कहती हैं माँ मैं आपसे घर जाकर बात करती हूँ, अभी हम बाहर है लेकिन रिया की माँ को तो पता है वो कहाँ है? वो कहती है तो मैं आने की जरूरत नहीं है। मैंने तुम्हारी गलती का एहसास दिलाने के लिए ये सब नाटक किया था और ये बात सुरेश मेरे और अजय के बीच में ही है। अगर तुम अपनी माँ को खुश देखना चाहती हो तो अपनी सास की सेवा करना उस दिन के बाद रिया न एक अभी भी झगड़ा नहीं किया, प्यार और शांति से रहने लगी।
F&Q:-
Q1: इस कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
A1: परिवार में प्यार, समझ और इंसानियत होना सबसे जरूरी है, संपत्ति के लालच में रिश्ते टूट सकते हैं.
Q2: कौन-कौन से किरदार हैं इस कहानी में?
A2: माँ सुनीता, बेटे अजय और प्रशांत, बहू रिया और रिया की माँ.
Q3: बहू रिया ने ऐसा क्यों किया?
A3: कहानी में दिखाया गया है कि संपत्ति के लालच में रिया ने कई गलतियां कीं और अंत में पछताई.
Q4: कहानी का अंत कैसे होता है?
A4: बहू को अपनी गलती का एहसास होता है और वह रिश्तों को बचाने के लिए माफी मांगती है.