प्यार की सजा: अंजलि की दिल दहलाने वाली कहानी - सच्चे प्रेम का दर्दभरा सफर
परिचय:-
क्या आपने कभी महसूस किया है कि कभी-कभी किस्मत हमारे साथ ऐसा खेल खेलती है जो हमारे दिल को चकनाचूर कर देता है? अंजलि की यह कहानी उसी भावनाओं के समुद्र में डुबो देने वाली दास्तान है जो आपके दिल को छू जाएगी।
यह कहानी है एक सामान्य लड़की की जो कॉलेज में पढ़ती है और जिसकी जिंदगी में अचानक से प्रेम का रंग भर जाता है। लेकिन क्या होता है जब परिवार की परंपराएं प्रेम के आड़े आ जाती हैं? क्या होता है जब समाज का डर खुशियों को छीन लेता है?
अंजलि की इस दिल दहलाने वाली कहानी में आप देखेंगे कि कैसे एक लड़की अपने प्रेम, अपने सपनों और अपनी खुशियों के बीच फंस जाती है। यह कहानी सिर्फ प्रेम की नहीं, बल्कि जिंदगी के उन तमाम पहलुओं की है जो हमें रुला देते हैं और हंसा भी देते हैं।
तो आइए, गुजरते हैं अंजलि के दिल की दुनिया में और जानते हैं कि कैसे प्रेम कभी-कभी हमें सबसे बड़ी खुशी भी दे देता है और सबसे बड़ा दर्द भी...
यह कहानी है अंजलि की जो कॉलेज में B.A फाइनल में होती है.अंजलि की फैमिली लोक रिवाज को मानती है.(या फिर यह कहे कि लोग क्या कहेंगे वाली सोच).कॉलेज में अंजलि को एक लड़के से प्यार हो जाता है.जिसका नाम विनीत होता है.विनीत C.A की पढ़ाई कर रहा होता है.दोनों अक्सर कॉलेज की कैंटीन या फिर कॉलेज कंपाउंड में मिलते हैं.विनीत को भी अंजलि से मिले बिना चैन नहीं आता था.यही हाल अंजलि का भी था.दोनों का प्यार परवान चढ़ रहा था.मानो उन्हें किसी का डर ना हो ना समाज का ना घर वालों का दोनों बस अपने में ही गुम रहते थे.दोनों एक दूसरे के प्यार में ही डूबे रहते थे अब अंजलि की B.A होने वाली थी.अंजलि कहती है विनीत अब मेरी तो B.A हो जाएगी फिर हम कैसे मिलेंगे विनीत कहता है तुम कोई क्लास शुरू कर लेना मैं वहां पर तुमसे मिलने आ जाऊंगा.अंजलि ने ऐसा ही किया जैसे पेपर खत्म हुए कुछ दिन बाद उसने कंप्यूटर की क्लास शुरू कर ली कुछ दिन विनीत और अंजलि मिलते रहे फिर एक दिन अंजलि का भाई किसी कारण अंजलि को जल्दी लेने आ जाता है.वह अंजलि को विनीत के साथ देखकर गुस्सा हो जाता है अंजलि अपने भाई को समझाने की कोशिश करती है लेकिन वह इतना गुस्से में होता है की उसे कुछ सुनाई और दिखाई नहीं देता है विनीत को भी अब अंजलि की चिंता होने लगती है कि वह अंजलि का हाल कैसे पता करें.अंजलि का भाई घर पर अंजलि के बारे में सब को बता देता है कि वह किसी लड़के से मिलती है और पता नहीं कब से यह उससे मिलती रही है.अंजलि के पापा को लड़के के बारे में सुनते ही गुस्सा आ जाता है ओर अंजलि को ज़ोर का थप्पड़ लगा देते हैं और कहते हैं इसने तो हमारी नाक कटवा दी समाज में कहीं मुंह दिखाने के लायक नहीं छोड़ा. लोगों को पता लगेगा तो हम पर थूकेंगे.अंजलि के पापा कहते हैं क्या इसी दिन के लिए तुझे पढ़ाया लिखाया था.उसके पापा अंजलि को एक कमरे में बंद कर देते हैं.उसे किसी को मिलने नहीं देते हैं.उसकी सहेली को भी नहीं मिलने दिया जाता। उसका फोन भी ले लेते हैं.अब अंजलि के पापा अंजलि की शादी जल्द से जल्द करवाना चाहते थे कहीं समाज में अंजली की प्रेम लीला का पता लग गया तो हमारी बहुत बदनामी होगी और उसका रिश्ता भी नहीं होगा पूरी जिंदगी ताने सुनने पड़ेंगे.अंजलि की मां कहती है आप उस लड़के से बात करो जिससे यह प्यार करती है अंजलि के पापा उसकी मां को डांटे हुए कहते हैं.तुम्हारा दिमाग खराब है,मैंने सारी जानकारी मालूम की है उस लड़के की वो हमारी बिरादरी का नहीं है और रिश्ता कर भी दे तो वह कोई काम नहीं करता है उसकी पढ़ाई 1 साल बाकी है नौकरी लगा हुआ हो तो बात अलग है।रिश्ता कर दिया तो लोग क्या कहेंगे? गैर बिरादरी में भी रिश्ता किया और लड़का कुछ करता भी नहीं है. तुम मेरा दिमाग खराब मत करो चुप हो जाओ। मुझे जो सही लगेगा मैं वही करूंगा.कुछ समय बाद अंजलि का रिश्ता पक्का हो जाता है इसकी खबर विनीत को लग जाती हैऔर विनीत अंजलि के घर पर ही आ जाता है अंजलि का भाई विनीत को पहचान जाता है.वह विनीत को घर के अंदरले आता है ताकि किसी बात की खबर पड़ोस में ना हो.विनीत अंजलि को आवाज लगता है अंजलि वहां पर आ जाती है विनीत कहता है क्या तुम मुझसे प्यार करती हो,मुझसे शादी करना चाहती हो अंजलि विनीत की बात का जवाब हां में देती है.विनीत कहता है तो चलो मेरे साथ हम मंदिर में शादी कर लेंगे लेकिन अंजलि मना करदेती है.मैं शादी पापा के खिलाफ़ जाकर नहीं कर सकती।यह सुनकर विनीत को गुस्सा आ जाता है वह कहता है क्या मुझसे प्यार पापा से पूछ कर किया था.अंजलि विनीत तुम यह कैसी बातें कर रहे हो प्यार पर कोई जोर नहीं चलता वह तो हो जाता हैऔरहां मैंने सोचा था कि कुछ समय बाद में पापा को मना लूंगी.तब तक तुम्हारी नौकरी भी लग जाएगी.मैं नहीं चाहती थी की पापा को हमारे रिश्ते के बारे में ऐसे पता लगे. विनीत तुम मुझे माफ करना मैं तुम्हारे साथ नहीं जा सकती.अपने पापा को इस तरह शर्मिंदा करके अगर तुम मुझसे सच्चा प्यार करते हैं तो मुझे जरूर समझोगे। विनीत वहां से चला जाता हैकुछ दिन बाद अंजलि की शादी हो जाती है.अंजलि की शादी अभय से होती है अंजलि के घर वाले अभय और उसकी फैमिली को अंजलि के प्यार के बारे में कुछ नहीं बताते हैं.लेकिन अंजलि अपनी शादी की पहली रात को ही अभय को विनीत के बारे में सब कुछ बता देती है यह सुनकर अभय को बुरा लगता है लेकिन अभय समझदार लड़का होता है वह अंजलि की सच्चाईऔर ईमानदारी की वजह से और इज्जत करने लग जाता है.अभय सोचता है अंजलि ने मुझे से कुछ छुपाया नहीं है अंजलि अभय से कहती है मुझे माफ करना मुझे आपके साथ रिश्ता बनाने के लिए कुछ समय चाहिए लेकिन हम अच्छे दोस्त की तरह रह सकते हैं.अंजलि के अंदर क्या चल रहा है वह समझ जाता है कि अचानक ही अंजलि की शादी मुझे कर दी गई है अभय अंजलि की बातमान जाता है.वह दोनों अपने कमरे में पति-पत्नी की तरह नहीं बल्कि एक दोस्त की तरह रहते थे.घरवालों और बाकी लोगों के लिए उनका रिश्ता आम पति-पत्नी की तरह ही होता है.अभयऔर अंजलि दोनों शहर में शिफ्ट हो जाते हैं, जहाँ अभय की नौकरी लगी हुई थी।अभय अंजलि का बहुत अच्छे से ध्यान रखता है.वह एक अजीब से रिश्ते में बंद जाते हैं.जिसमें सच्चाई और सुकून था लेकिन उम्मीद कुछ नहीं.दोनों एक दूसरे का अच्छे से ध्यान रखते और परवाह करते थे.एक दूसरे की परवाह करते-करते उनका रिश्ता धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था.अभय की अच्छाई अंजलि के मन को छूने लगी थी और अभय के दिल में तो अंजलि की सच्चाई ने पहले ही जगह बना ली थी.साथ रहते रहते दोनों को एक दूसरे की आदत हो जाती है और उन्हें पता भी नहीं चलता.उनका रिश्ता दोस्ती से आगे निकल चुका है।एक दिन अभय को ऑफिस में कुछ काम था तो वह अंजलि को बिना बताए कहीं बाहर चला जाता है।.जब अभय समय पर घर नहीं आता तो अंजलि को चिंता होने लगी तो उसने फोन किया.अभय को भी अंजलि से मिले बिना चैन नहीं आता था.अंजलि को तो पता था कि अभय उससे प्यार करता है लेकिन अंजलि को भी एहसास होने लगा कि वह भी अभय को पसंद करने लगी है लेकिन अंजलि की हिम्मत नहीं हुई.अभय को बताने की लेकिन धीरे-धीरे दोनों के रिश्ते में मधुरता आ रही थी.अभय तो पहले से ही अंजलि को प्यार करता था और अब अंजलि भी उससे प्यार करने लगी अब अंजलि को लगने लगा कि हमें अपने रिश्ते को आगे बढ़ना चाहिए. दोनों में प्यार बढ़ने लगा।अंजलि का अब अभय के बिना रहना मुश्किल हो रहा था अभय भी अंजलि के एहसास को महसूस कर रहा था।वो जानता था। अंजलि क्या चाहती है।वो अंजलि के इज़हार का वेट करता है। अंजलि को भी पता था अभय को पता है।मैं क्या चाहती हूँ।दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं तो इतना तो समझ ही जाते हैं कि एक दूसरे के मन में क्या चल रहा है? एक दिन अंजलि अपने प्यार का इजहार करने के लिए एक लेटर लिखकर अभय बैग में रख देती है जब अभय ऑफिस में बैग में से फाइल निकाल रहा था तो उसे वह लेटर मिल गया जिसमें अंजलि ने अपने प्यार का इजहार किया और अपने रिश्ते को आगे बनाने की इच्छा लिखी थी.लेटर पढ़ कर अभय की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था.वह अंजलि को फोन करता है वह अंजलि से कहता है मुझे तुम्हारा लेटर मिल गया है जो इसमें लिखा है वह सच है.अंजलि हां मैं जवाब दे देती है अभय कहता है ठीक है आज मैं घर जल्दी आऊंगा तुम तैयार रहना.अभय बहुत खुश होता है वह जल्द ही घर पहुंचना चाहता है उसके सहकर्मी पूछते हैं अभय क्या बात आज तो तुम बहुत खुश हो.अभय कहता है नहीं यार ऐसा कुछ नहीं है.उधर अंजलि भी तैयार होकर अभय का इंतजार कर रही थी.गली में कोई भी गाड़ी का होरन बजता उसे लगता अभय आ गया.दोनों अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक थे.अभय कोअंजलि के लिए यह कुछ पल का इंतजार बहुत ज्यादा लग रहा था.अंजलि तैयार होकर अभय का इंतजार कर रही होती हैअंजलि के लिए भी इंतजार के ये पल कुछ ज्यादा ही लंबे थे।अब दोनों एक दूसरे से खोना चाहते थे।अंजलि अपने ख्वाबों की दुनिया में थी। तभी ही अंजलि का फोन बजता है अंजलि को लगता है अभय का फोन है लगता है अभय घर के आसपास ही है कुछ सामान लाने के लिए पूछते होंगे अंजलि फोन रिसीव करती है.फोन तो अभय का ही था अंजलि फोन उठाती है कहती है आपको आने में और कितना समय लगेगा आप जल्दी घर आजाइए.फोन में आवाज आती है Hello अंजलि आवाज सुनकर पहचान जाती है यह अभय की नहीं है तो अंजलि वापस फोन पर नाम देखतीहै यह किसका कॉल है फिर.फोन पर वह आदमी बोलता है मैडम यह जिसका फोन है उसका एक्सीडेंट हो गया है हम उसे अस्पताल लेकर जा रहे हैं.आप सिटी हॉस्पिटल आ जाइए अंजलि यह सुनते ही ऐसा लगा जैसे सब कुछ शून्य हो गया.अंजलि अपने आप को संभालते हुए अस्पताल पहुँचती है वहां अभय की हालत गंभीर होती है वह बस अंजलि का नाम ही ले रहा होता है.अंजलि भी अभय के घर वालों को बुला लेती है.अभय को जैसे ही होश आता है वह अंजलि को बुलाता है.अंजली तुम खुश रहना मेरे लिए रुकना मत तुम विनीत बस इतना ही बोलता है अभय अंजलि की तरह प्यार से देखता और उसकी आँखों के दोनों साइड आंसू आने लगते।मानो उसकी आँखें कह रही हो मुझे रोक लो अंजलि औरअंजलि का हाथ पकड़ लेता है।अंजलि भी अभय का हाथज़ोर से पकड़ अपने चेहरे पर लगाती है।जैसे वो भी उसे जाने से रोक रही हो? और कुछ देर में ही अभय दूर जा चुका होता है।मर जाता है.अंजलि अभय को बोलती है। अभय तुम ठीक हो जाओगे हम दोनों साथ घर जाएंगेऔर कहती है अभय आई लव यू.अभय। लेकिन अभय कुछ नहीं बोलता है.अंजलि जोर-जोर से डॉक्टर डॉक्टर चिल्लाती है.और कहती है डॉक्टर अभय को क्या हुआ अभी तो वह मुझसे बात कर रहे थे डॉक्टर अंजलि को बताते हैं अब अभय नहीं रहे। अंजलि का पल भर का इंतजार पूरी जिंदगी के लिए बन गया.अंजलि सोचती है मैं क्यों अपने प्यार का इजहार किया नहीं करती तो शायद आज अभय जिंदा होते.मेरी किस्मत के में किसी का प्यार पाना लिखा ही नहीं है.जिससे भी प्यार करती हूं वह ही मुझसे दूर हो जाता है.अगर मैं प्यार का इजहार नहीं करती तो मैं और अभय साथ होते। अभय को प्यार से।देखते हुए ही में अपनी पूरी जिंदगी जी लेती। अभय की मौत के बादअंजलि एकदम से बेजान सी हो गई उसे लगता है जो कुछ हुआ है वह उसके कारण हुआ है.और वह अपना बाकी जीवन अभय की याद में उसके प्यार को महसूस करते हुए। उसके घर यानी अपने ससुराल में व्यतीत करती है.और अपने ससुराल वालों का ध्यान रखती है और अभय की सभी जिम्मेदारियों कोउसका प्यार समझ कर उसे पूरे मन से निभाती हैं। अभय का प्यार अंजलि के दिल में हमेशा एक मीठा सा एहसास बनके रहता है।FAQ:-
प्रश्न 1: यह कहानी किस बारे में है?
उत्तर: यह अंजलि नाम की एक लड़की की भावनाओं से भरी प्रेम कहानी है जो कॉलेज में विनीत से प्यार करती है लेकिन पारिवारिक दबाव के कारण अभय से शादी करनी पड़ती है। यह कहानी प्रेम, त्याग और जिंदगी के अप्रत्याशित मोड़ों को दर्शाती है।
प्रश्न 2: क्या यह कहानी रोमांटिक है या दुखद?
उत्तर: यह कहानी रोमांटिक और भावनात्मक दोनों है। इसमें प्रेम की मिठास भी है और जिंदगी के कड़वे सच भी हैं। यह दिखाती है कि कैसे प्रेम अलग-अलग रूपों में हमारी जिंदगी में आता है।
प्रश्न 3: क्या अंजलि को अपना सच्चा प्यार मिल जाता है?
उत्तर: अंजलि की कहानी में प्रेम के अलग-अलग रूप हैं। पहले विनीत से प्रेम, फिर अभय के साथ एक अलग तरह का प्रेम। कहानी दिखाती है कि जिंदगी में प्रेम कई रूपों में आता है।
प्रश्न 4: यह कहानी किस तरह के पाठकों के लिए उपयुक्त है?
उत्तर: यह कहानी उन पाठकों के लिए है जो भावनात्मक और रोमांटिक कहानियां पसंद करते हैं। खासकर वे लोग जो परिवार, समाज और प्रेम के बीच के संघर्ष को समझना चाहते हैं।
प्रश्न 5: क्या यह कहानी वास्तविक घटनाओं पर आधारित है?
उत्तर: यह एक काल्पनिक कहानी है लेकिन इसमें दिखाई गई परिस्थितियां और भावनाएं बहुत सी लड़कियों के जीवन में देखी जा सकती हैं। यह भारतीय समाज के यथार्थ को दर्शाती है।
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