गौतम और रागिनी की अविस्मरणीय प्रेम कहानी: संघर्ष, समर्पण और जीत की दास्तान
संक्षिप्त परिचय:
गौतम और रागिनी की कहानी एक दिल को छू लेने वाली प्रेम गाथा है, जिसमें पति-पत्नी के बीच अडिग प्यार, संघर्ष और समर्पण का अनोखा संगम देखने को मिलता है। यह कहानी जहाँ पति गौतम के आर्मी मैन होने के बाद ड्यूटी के कारण दोनों के अलगाव और फिर एक दुर्घटना के कारण आ रही चुनौतियों को दर्शाती है, वहीं रागिनी के समर्पण और संघर्ष की झलक भी पेश करती है। सच्चे प्रेम और रिश्तों के महत्व को महसूस कराने वाली यह कहानी आपके दिल को छू जाएगी।
एक रिटायर्ड आर्मी मैन गौतम अपनी पत्नी रागिनी के साथ बालकनी में बैठा हल्की हल्की बारिश का मज़ा ले रहा था। रागिनी मौसम को देखते हुए किचन में चाय और पकौड़े बनाने चली जाती है और गौतम वहीं बैठा अखबार पढ़ता है।जैसे ही वो अखबार का पेज पलटता है, वैसे ही उसका ध्यान उस मधुर आवाज पर जाता है जो उनके सामने वाले घर के बराबर से आ रही थी। उस घर में कुछ दिन पहले ही राहुल और स्नेहा शिफ्ट हुए हैं। उनकी शादी को कुछ महीने हुए है। राहुल एक हैंडसम और जेंटलमैन है।जो एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता है। राहुल ऑफिस जाने के लिए अपनी कार की तरफ बढ़ता है, वैसे ही उसकी पत्नी स्नेहा जो दिखने में बहुत खूबसूरत है, जो पिंक साड़ी और गले में एक लंबा मंगलसूत्र पहने हुए है, बाल लंबे और पीछे से खुले हुए हैं जो दिखने में खूबसूरत लग रही है।स्नेहा अपने पति को बाय करती है।जिंस मधुर ध्वनि से गौतम का ध्यान खींचा। वो उनकी तरफ देखता है। जब स्नेहा और राहुल एक दूसरे की तरफ देख रहे थे। दोनों की बॉडी लैंग्वेज ऐसी लग रही थी मानो जैसे वो दोनों एक दूसरे से दूर नहीं जाना चाहते हो। उन दोनों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ा हुआ था और एक दूसरे की तरफ ऐसे देख रहे थे जैसे वो दोनों बिछड़ने वाले हैं उन दोनों की आँखों मैं प्यार एक आंसू की तरह जमा हुआ था। राहुल स्नेहा को बाय करते हुए कार स्टार्ट करके आगे बढ़ता है। स्नेहा भी वहीं खड़ी हुई राहुल की कार को तब तक देखती रहती है जब तक उसे वो दिखनी बंद नहीं हो जाती हैं। उन्हें देखकर गौतम भी अपनी जिंदगी के उस अहम पल में चला जाता है। जब उसकी शादी को 15 से 20 दिन हुए थे। गौतम एक आर्मी मेजर होता है, जो शरीर से मजबूत और हैंडसम होता है। उसकी पर्सनैलिटी किसी को भी अपनी और आकर्षित कर सकती हैं। गौतम को वापस अपनी ड्यूटी ज्वॉइन करनी होती है। रागिनी, जो एक खूबसूरत और सिपल सादगी वाली लेडी है उसके चेहरे पर मासूमियत साफ दिखती है। उसकी मासूमियत किसी का भी दिल जीत ले फिर गौतम कैसे बच सकता था? गौतम के जाने से पहले की रात गौतम अपने जाने की तैयारी कर रहा था। वह अपना सामान और कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स रखता है। गौतम रागिनी से बात करता रहता है की छुट्टी कब पूरी हो गई पता ही नहीं लगा।कल तो वापस ड्यूटी के लिए जाना है, पता नहीं अब कब छुट्टी मिलेंगे।रागिनी गौतम की बात सुन रही थी लेकिन वह कुछ बोल नहीं रही थी। बस हाँ हूँ में जवाब दे रही थी। उसकी कोई बात करने की हिम्मत नहीं हो रही थी। उसको सिर्फ वो ही दिख रहा था कि कल जब गौतम चला जाएगा तो वो कैसे रह पाएगी? अभी तक तो वो एक दूसरे को अच्छे से समझ भी नहीं पाए थे।रागिनी को अपने मन की बात गौतम से करने में शंका आ रही थी। गौतम जब रागिनी से पूछता है, तुम कुछ जवाब क्यों नहीं दे रही हो और उसकी तरफ देखता है तो रागिनी?के दिल का दर्द आंसू बनकर आँखों से गिर जाता है।गौतम उसे अपने पास बैठा ता है और उसका हाथ अपने दोनों हाथों के बीच में लेता है और प्यार से सांत्वना देने लगता है। देखो तुम यहाँ पर आराम से रहना अगर तुम्हारा मन ना लगे तो तुम अपने मायके चले जाना मैं तुम्हें हर सप्ताह लेटर लिखूंगा तुम मुझे उसका जवाब देना तुम्हारे मन की जो बात हो तुम मुझे लेटर में लिख देना।रागिनी प्यार से गौतम के गले लग जाती है, बस यही कहती हैं, मैं आपके बगैर कैसे रह पाऊंगी? रात को रागिनी का प्यार और जुदाई का दर्द सुबकी में बदल जाता है। यानी वो रात भर रोती रहती है। अगले दिन सुबह गौतम का मन भी उदास था, लेकिन वह अपनी भावना दिखाता नहीं है। उसे लगता है कहीं रागिनी उसे देख कर और ज्यादा दुखी ना हो जाए।गौतम रागिनी से कहता है, तुम अपना ख्याल रखना और खुश रहना मैं तुम्हें हमेशा खुश देखना चाहता हूँ, तुम मेरी चिंता मत करना, मैं जल्दी आने की कोशिश करूँगा। रागिनी भी कहती हैं, आप अपना ख्याल रखना। वे दोनों गले लग जाते हैं। थोड़ी देर बाद गौतम जाने के लिए बाहर आ जाता है गौतमअपने माता पिता और बहन भाई से मिलकर रागिनी के तरफ देखते हुए रिक्शे में अपना सामान रखा है। गौतम सभी से विदा लेकर रिक्शा को चलाने के लिए कहता है। रागिनी आंसू भरी आँखों से गौतम के रिक्शे को जाते हुए देखती है।उसकी आँखों में आंसू ठहर से गए हैं। गौतम भी पीछे मुड़कर रागिनी को देखता है। गौतम का चेहरा देखते ही रागिनी के आँखों से वो आंसू गिर जाते हैं। वे सब लोग अंदर आ जाते हैं। अगले दिन गौतम का फ़ोन आता है पड़ोसी के घर पर ये बताने के लिए की वो पहुँच गया है। गौतम का लेटर आता है एक परिवार के लिए, दूसरा रागिनी के लिए। गौतम अपने लेटर में लिखा है। प्रिय बहुत सारा प्यार तुम वहाँ पर आराम से होगी, मैं ये नहीं कह सकता, तुम खुश होगी, मैं जानता हूँ तुम मेरे बिना सिर्फ दिन गुजार रही होगी, लेकिन तुम अपना अच्छे से ध्यान रखना,मुझे तुम कमजोर या बीमार नहीं मिलनी चाहिए तुम्हारे चेहरे की वो मासूमियत हमेशा बनाए रखना।हमारे प्यार की शुरुआत वहीं से ही होगी जहाँ से हमने छोड़ा है। चाहे मुझे छुट्टी दो महीने से मिले या तीन महीने से हमारी शुरुआत शादी के 15 दिन बाद से ही होगी। अब की बार मेरा भी यहाँ मन नहीं लग रहा है बार बार मेरा मन तुमसे मिलने को करता है। पहले ये तीन महीने आराम से निकल जाते थे, लेकिन।अब तो एक एक दिन एक एक महीने के बराबर लग रहा है। ऐसा मन करता है उड़कर तुम्हारे पास आकर तुम्हें गले लगा लूँ, लेकिन यह तो संभव नहीं है। मैं जल्द ही आने की कोशिश करूँगा। तुम अपना और माँ पिता दोनों के ध्यानअपना भी ध्यान रखना। तुम भी मुझे लेटर जल्दी लिखना घर के लेटर के साथ भेज देना।रागिनी की सास उसे लेटर लिखने के लिए ला देती है। रागिनी भी अपना लेटर लिखने लगती है। रागिनी सब की कुशलता लिखती हैं। रागिनी गौतम को लिखती है, आप मेरी चिंता मत करो मेरा ध्यान रखने के लिए यहाँ पर पूरा परिवार है वहाँ पर आप अकेले हो। आप अपना ध्यान अच्छे से रखना आज आपको गए 20 दिन हो गए हैं, ऐसा लगता है।आपको देखे बरस हो गया है। आज भी आँखों के सामने वो दृश्य घूमता है जब आप यहाँ से गए थे सब लोग आपको छोड़ कर अपने अपने काम में लग जाते हैं और मैं अपने कमरे में आपकी सभी चीजें देखती हूँ, रोने लगती हूँ आज भी कई बार आप की याद में गले से निवाला नीचे नहीं जाता है रात का अधिकांश समय घड़ी देखने में निकल जाता है। आप की याद जेहन से जाती ही नहीं है। आपको याद करने के लिए भी आपको भूल नहीं पाई हूँ। हो सके तो जल्दी आना आपके बिना ज्यादा समय तक नहीं रह सकती। कुछ दिन के लिए मैं अपने मायके जा रही हूँ। मैं 15 दिन बाद वापिस आउंगी आप उसके बाद ही मुझे यह लेटर लिखना मुझे पता है आपको आने में अभी समय लगेगा, लेकिन मैं क्या करूँ आपके बिना यहाँ पर?कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। गौतम अभी अपने पास्ट(बीते समय में) में था की अचानक उसे बहुत तेज अवाज सुनाई दी।सभी लोग उस आवाज की तरफ दौड़ने लगते हैं ये आवाज़ राहुल की गाड़ी के टकराने की थी राहुल का एक्सीडेंट हो गया है सामने आ रही दूसरी गाड़ी ने टक्कर मार दी थी गौतम भी जल्दी से उस तरफ दौड़ता है जब लोग उसे घेरे हुए थे लेकिन कोई मदद नहीं कर रहा था गौतम आकर राहुल को गाड़ी से निकालता है। तब तक स्नेहा भी वहाँ आ जाती है। वो राहुल को ऐसे खून में लथपथ देखकर बेहोश हो जाती है। रागिनी और पड़ोस की दूसरी औरतें स्नेहा को संभालती है। जल्द एम्ब्युलेंस आ जाती है। वे राहुल को हॉस्पिटल ले जाते हैं। गौतम राहुल के साथ एंबुलेंस में जाता है तब तक स्नेहा को भी होश आ जाता है। स्नेहा और गौतम दोनों हॉस्पिटल पहुँच जाते हैं। गौतम स्नेहाको कहता है बेटी तुम चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा। गौतम के जानकार कुछ डॉक्टर होते हैं, वो उनसे बात करके राहुल का इलाज जल्द से जल्द शुरू करवा देता है। राहुल की हालत गंभीर है। डॉक्टर उसके सिर की सर्जरी और ₹2,00,000 जमा कराने के लिए कहते हैं। यह सुनकर स्नेहा घबरा जाती है। गौतम कहता है तुम अपनी फैमिली को फ़ोन करके यहाँ बुला लो। स्नेहा कहती हैं, अंकल हम अनाथ है, हम दोनों।एक ही अनाथालय में रहते थे एक ही कॉलेज में हमने पढ़ाई पूरी की थी। हमारे कुछ फ्रेंड है, मैं उनसे मदद मांगती हूँ। गौतम कहता है देखो बेटी अभी सर्जरी करना जरूरी है, नहीं तो उसकी जान को खतरा हो सकता है। देखो अभी तो मैं ₹2,00,000 जमा करवा देता हूँ जिससे सर्जरी जल्दी हो सके।स्नेहा कहती हैं, अंकल आप यहाँ मेरे साथ आ गए, वो ही बहुत है। आप तो हमें जानते भी नहीं हो, फिर भी आप मेरी इतनी मदद कर रहे हो और पैसे भी दे रहे हो। मैं आपका ये एहसान फिर कभी नहीं भूलूंगी। राहुल की सर्जरी शुरू हो जाती है। गौतम को स्नेहा और राहुल में अपना और रागिनी का दर्द दिखाई दे रहा था। राहुल की सर्जरी सक्सेसफुल हो जाती है। रागिनी भी स्नेहा और गौतम के लिए खाना लेकर आ जाती है। स्नेहा खाना खाने से मना कर देती है, लेकिन रागिनी स्नेहा को समझाती है। अगर तुम्हें अपने पति का ध्यान रखना हो तो तुम्हें अपने ख्याल रखना होगा।फिर ही तुम उसका अच्छे से ख्याल रख पाओगी यह सुनकर स्नेहा रागिनी के गले लगकर रोने लगती हैं रागिनी उसको हिम्मत देती है और उसे खाना खिलाती है। 2 दिन बाद राहुल को वार्ड में शिफ्ट कर देती है स्नेहा राहुल का बड़े प्यार और हिम्मत के साथ राहुल का ख्याल रखती हैं स्नेहा को ऐसे देखकर गौतम और रागिनी को वो पल याद आते हैं, जब गौतम बेबस और लाचारी की हालत में घर पहुँचता है।तो गौतम को रागिनी कि लेटर की लिखी हुई वह लाइन पढ़ता है उसे अपने और रागिनी के प्यार जुदाई के दर्द का अहसास की यादें ताजा हो जाती है।और उन में खो जाता है। अब मैं जल्द से जल्द आपके गले लगकर अपने अकेलापन दूर करना चाहती हूँ मैं भी कितनी पागल हूँ मुझे पता है आपके हाथ मैं नहीं है छुट्टी लेकर यहाँ आना, आपको जब छुट्टी मिलनी होगी तब मिलेंगे। गौतम को ये लेटर मिले अभी 2 दिन हुए थे। गौतम अपने कुछ साथियों के साथ कहीं मोर्चा संभालने जाता है कि रास्ते में उसी बस पर बम गिराकर विस्फोट कर देते हैं। इस विस्फोट में गौतम के कई साथी मारे जाते हैं। ये विस्फोट बहुत भयंकर होता है।इसमें कई जवानों की तो लाश भी नहीं मिलती हैं। कई के तो चिथड़े चिथड़े हो जाते है गौतम और उसके दो साथी गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं एक का तो पैर खराब हो जाता है।और गौतम का शरीर काम नहीं करता है। उनके इलाज के कुछ दिन बाद गौतम और उसके साथी भेज दिया जाता है। आर्मी की एंबुलेंस वैन गौतम को घर लेकर आती है। गौतम की हालत के बारे में घर पर किसी को कुछ पता नहीं होता है। जब वैन घर के सामने आकर रुकती है तो अड़ोस पड़ोस के लोग भी वहाँ आ जाते हैं। गौतम को उसके कमरे में लेटा दिया जाता है। जब रागिनी गौतम को इस हाल में देखती है तो उसे शौक लगता है, लेकिन वह जल्द ही अपने आप को संभाल लेती है, कहते हैं एक सोल्जर की पत्नी बनने के लिए भी हिम्मत चाहिए उसे हर हाल में परिवार को संभालने के लिए हिम्मत रखनी पड़ती है।ये हिम्मत एक लड़की मैं एक सोल्जर के साथ जुड़ते ही आ जाती हैं। गौतम को छोड़कर वैन वहाँ से चली जाती है बाकी सभी लोग भी गौतम को देखकर जा चूके होते हैं। रागिनी और गौतम अब अकेले होते हैं। गौतम रागिनी की तरफ देखता है तो उसकी आँखों से आंसू आ जाते हैं मानो जैसे उसकी आँखें रागिनी को सोरी कह रही हो तुम तो रागिनी मेरे गले लगकर अपना अकेलापन दूर करना चाहती थी, लेकिन मैं तो ठीक से।तुम्हें गले भी नहीं लगा सकता। रागिनी गौतम के आंसू पोंछती हैं और कहती हैं आप अपना मन छोटा क्यों कर रहे हो? आप जल्द ही ठीक हो जाओगे।रागिनी पूरे प्रयास और समर्पण के साथ गौतम की सेवा में लग जाती है ऐसा करना रागिनी के लिए भी आसान नहीं थालेकिन रागिनी पूरी हिम्मत के साथ ये सब करती हैं बीच बीच में रागिनी कई बार कमजोर पड़ती है की उसका पति उसके साथ और पास होते हुए भी वह एक नहीं हो सकते। उसकी यह तड़प गौतम को साफ दिखाई देती है। 1 दिन तो गौतम रागिनी से कहता है, मेरा कुछ पता नहीं है मैं कब तक ठीक हो पाऊंगा या फिर कभी ठीक हो पाऊंगा भी या नहीं?अगर तुम चाहो तो मुझे छोड़ कर जा सकती हो मेरे लिए तुम अपनी जिंदगी बर्बाद मत करो। मैं तुम्हें खुश देखना चाहता हूँ।और अब तो इसबेबसी की हालत मेंतुम्हारा अकेलापन भी दूर नहीं कर सकता।तुम चाहो तो दूसरी शादी कर सकती हो मैं तुम्हें तलाक दे दूंगा । यह बात रागिनी को गौतम के माँ बाप और रागिनी के घर वाले भी कहते हैं लेकिन रागिनी किसी की बात नहीं मानती है।कहती हैं, मुझे पता है हमे साथ रहते हुए कुछ महीने हुए है लेकिन मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ। मैं आपको छोड़कर कहीं नहीं जाउंगी, जो तड़प आप मुझ में देखकर यह बात कह रहे है, वो एक जरूरत है। मैं सच्चे मन से आपसे प्यार करती हूँ।और प्यार का हर चीज़ बेमतलब होती है। अगर आपको कुछ हो भी जाता है तो मैं आपके नाम के सारे अपनी पूरी जिंदगी काट लेती।आप दोबारा कभी ये बात मत कहना मुझे आपके साथ ऐसा रहना मंजूर है, लेकिन आप से दूर जाना नहीं। रागिनी के अटूट और नी स्वार्थ प्रेम पाकर गौतम रागिनी को और भी ज्यादा प्यार और इज्जत देने लगता हैं। वो अगर भगवान ने मुझे दोबारा मौका दिया तो मैं रागिनी की जिंदगी खुशियों से भर दूंगा। रागिनी के प्रेम ने गौतम के अंदर एक अलग जान फूंक दी। उसके ठीक होने की चाहत बढ़ गई। जहाँ गौतम अपनी बॉडी को हिला भी नहीं पाता था। धीरे धीरे वो हिलाने लग गया। डॉक्टर भी गौतम की प्रोग्रेस देखकर हैरान थे। छह महीने के बाद गौतम बिल्कुल ठीक हो गया। वो पहले की तरह हो गया। ये सब रागिनी के नीस्वार्थ, प्रेम और गौतम की दृढ़ इच्छा के कारण हीअसंभव भी संभव बन गया।रागिनी और गौतम का जीवन प्यार और खुशियों से भर गया।
कुछ समय बाद राहुल बिल्कुल ठीक हो जाता है रागिनी और गौतम को उसमें उनमे अपना बेटा दिखाई देता है, जो अब इस दुनिया में नहीं है वो भी एक सोल्जर होता है जो शहीद हो गया।इस हादसे के बाद वे लोग एक दूसरे के बहुत करीब आ जाते हैं राहुल और स्नेह भी गौतम और रागिनी को अपने माँ बाप जैसे मानते हैं। ऐसे दो अधूरी फैमिली एक कंप्लीट फैमिली बन गईं। स्नेहा और राहुल का प्यार रागिनी और गौतम का प्यार एक अटूट प्रेम है जिसे।हालात भी हारा नहीं पाए।
F&Q (पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब):
1. गौतम और रागिनी की प्रेम कहानी क्या सिखाती है?
यह कहानी सच्चे प्रेम, समर्पण और पारिवारिक समर्थन की महत्ता को सिखाती है। यह दर्शाती है कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी प्रेम की शक्ति जीत दिला सकती है।
2. गौतम और रागिनी की किन परिस्थितियों में शादी हुई?
गौतम एक आर्मी मैन थे और उनकी ड्यूटी जल्दी ही शुरू हो गई थी, जिस कारण रागिनी को गौतम से जुदाई सहनी पड़ी।
3. रागिनी कैसे अपने पति गौतम के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती है?
रागिनी अपने प्रेम और समर्पण के माध्यम से गौतम को ना केवल भावनात्मक रूप से सहारा देती है बल्कि उनकी ठीक होने की इच्छा को भी बढ़ावा देती है।
4. क्या गौतम फिर से पूरी तरह ठीक हो पाए?
जी हां, रागिनी के असीम समर्पण और गौतम की दृढ़ इच्छा के कारण छह महीने की मेहनत के बाद वह फिर से ठीक हो जाते हैं।
5. कैसे गौतम और रागिनी राहुल और स्नेहा के जीवन का हिस्सा बनते हैं?
राहुल का एक्सीडेंट होने के बाद गौतम बिना किसी परिचय के उसकी मदद करते हैं, और गौतम-रागिनी में उन्हें अपने माता-पिता जैसी छवि दिखती है।
Emotional and loving story ever, I feel the emotion of the story while reading
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