भूतिया घर की सच्ची कहानी 2025 | 20 साल बाद भी चली आती है आत्मा | Haunted House Real Story Hindi
परिचय:-
20 साल पहले नरेश अपनी फैमिली के साथ अपने नए घर में शिफ्ट होता है। उसकी फैमिली में चार सदस्य होते हैं। दो बच्चेऔर दो वे खुद। उनका घर शहर से लगभग 10 से 12 किलोमीटर दूर था। उनके घर में हर तरह की सुविधा थी। तो बच्चे भी उस घर में खूब एन्जॉय करते है।और आबादी कम होने की वजह से सोसायटी खुली थी तो बच्चे आराम से खेल रहे थे।सिक्योरिटी पूरी होने के कारण वहाँ चोरी का भी डर नहीं था।माँ बाप बच्चों को लेकर निश्चित थे। क्योंकि यहाँ पर बच्चे आराम से खेल सकते कोई बात का डर नहीं है।अभी नरेश की फैमिली को उस घर में शिफ्ट हुए दो दिन हुए थे।नरेश की पत्नी सीमा से पड़ोसन कहतीं हैं, क्या तुमने ये घरअच्छे से छानबीन कर के लिए लिया है।इस घर में सब कुछ ठीक है।सीमा यह सुनकर हैरान हो जाती है।ये सब मुझसे ये इस घर के बारे में ऐसा क्यों पूछ रहे हैं?सीमा पूछती है।क्या इस घर में कुछ समस्या है।वे कुछ नहीं बताते। कहते हैं।, ऐसी कोई बात नहीं है। बस हम तो ऐसे ही पूछ रहे हैं।ये घर कई दिनों से बंद था, कोई खरीददार नहीं मिल रहा था।और इसकी कीमत भी बहुत कम थी। इसलिए और सीमा घर के अंदर आ जाती है नरेश जब ऑफिस से वापस आता है।तो ऑटो ड्राइवर नरेश से कहता है आपने जो घर खरीदा है, क्या आपने उस घर के बारे में पता है?ये घर कोई खरीदना नहीं चाहता। कहते हैं इस घर में एक आत्मा भटकती है आज से 5 साल पहले इस घर में एक फैमिली आयी थी। उस आत्मा ने उस परिवार का जीना आराम कर दिया था।उन लोगों का अपने आप पे पर कोई कंट्रोल नहीं था।और वे लोग तीन महीने में ही घर खाली करके चले गए।कुछ दिन बाद एक परिवार और आया था।वो तो अगले दिन ही इस घर को खाली करके चले जाते हैं।असली वजह क्या है? तो मैं भी नहीं जानता, यह बात सब मैंने सुनी हुई है।इन सभी बातों के कारण इतने बढ़िया घर की कीमत न के बराबर है।लोग इस घर में रहना नहीं चाहता।नरेश को ड्राइवर की बातों पर विश्वास नहीं होता है।वो सोचते हैं, ये सब अंधविश्वास की बात है।इसलिए वो इन बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देता। सीमा भी नरेश को पड़ोस की बातें बताती है।वे लोग कह रहे थे क्या तुमने ये घर?अच्छे छानबीन करके लिया है इस घर में सब कुछ ठीक है।जब मैंने उनसे पूछा कि आप यह ऐसा क्यों कह रहे हैं तो उन्होंने मुझे कुछ नहीं बताया। कह रही थी। मकान बहुत दिनों से बंद था और इसे कोई खरीदना नहीं चाहता था, इसलिए पूछ रही है। नरेश सीमा से कहता है तू इन फालतू बातों पे ज्यादा ध्यान मत दो।हमारे बच्चे कितने खुश हैं इस घर में आकरऔर हमें क्या चाहिए?अफवाह उड़ा रखी होगी इतना बढ़िया मकान सस्ते में मिल सके।सीमा कहती है, सस्ते में तो मिल ही गया हमें ये मकान। नरेश कहता है।शायद लोग इसके और रेट गिराना चाहते होंगे।या फिर पड़ोसी इसे और कम दाम में खरीदना चाहते हो?और ये बेमतलब की अफवाह फैला रखी हो देखो हमें फालतू बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देना हमें अपने परिवार से मतलब रखना।8,10 दिन तक उस घर में सब कुछ आराम से चलता है।और फिर शुरुहोता है वो सब जिसके के लिए ये घर जाना जाता है।अचानक रात को आवाज़ सुनाई देती जैसे ही कोई दरवाजा पिट रहा होऔर किसी के तेजी से भागने की कदमों की आवाज आती है। ये सब देखकर नरेश डर जाता हैं।उसे लगता है जो इस घर के बारे में बातें कही जाती है शायद वह सच है।लेकिन वह बिना किसी ठोस नतीजे के उस घर को छोड़ नहीं सकते। उन्होंने अपनी सारी पूंजी लगा के वो घर खरीदा था। वो रात की बात घर में किसी को नहीं बतात्ता।।लेकिन अब हर रात को उनके साथ कुछ न कुछ होने लगता है।रात को नरेश के कानों में दर्द भरी चीख सुनाई देती है।जैसे वो उसकी अंतिम चीख हो।उस चीख से नरेश से एकदम से कुछ बड़बड़ाते हुएउठ जाता है।और उसके कानों के पास से पसीना बहने लगता है।नरेश की आवाज सुनकर उसकी पत्नी भी उठ जाती है। वो नरेश की ऐसी हालत देख कर परेशान हो जाती है।वो बार बार उससे पूछिए क्या हुआ?लेकिन नरेश कुछ नहीं बोलता है।सीमा कहती है की आपने कोई डरावना सपना देखा है?नरेश हाँ, मे सिर हिलाता है और सो जाता है।अब नरेश की डर के मारे रातों की नींद भी गायब हो जाती है।लेकिन वो घर पे किसीको कुछ नहीं बताता है।अब इन सब बातों का असर उसकी सेहत में भी दिखने लगता है।एक रात नरेश को सीढि़यों पे किसी चलने की आवाज़ सुनाई देती है। वोउठ कर उस आवाज का पीछा करने लगता है। जब वो ऊपर वाले कमरे में जाता है तो उसे एक लड़की जिंदा जलते हुए दिखती है।और उसे बड़ी दर्दनाक चीख की आवाज सुनाई देती है।ये सब देखकर नरेश वही बेहोश हो जाता है।रात को जब सीमा की आंख खुलती है तो वो नरेश को ना देखकर उसे फ़ोन करती है, फ़ोन बैड पे ही रखो होता है।वो किचन के पास आकर देखती हैं तो उसे ऊपर की लाइट जली हुई दिखती है। वो ऊपर जा के देखती हूँ, नरेश वहाँ बेहोश पड़ा होता है।सीमा नरेश को पानी के छींटे देखकर उठाती है।वो नरेश से पूछती, क्या हुआ आप ठीक तो है वो सीमा को चुप करवा के नीचे चलने का इशारा करता है।नीचे आकर सीमा पूछती है। क्या हुआ?नरेश उसे सब बात बताने लगता है।वो कहता है, मैंने रात को एक लड़की को ऊपर कमरे में जलते हुए देखा और उसकी चीख इतनी दर्दनाक थी की मुझसे वो चीख बर्दाश्त तक नहीं हुई। मुझे चक्कर आने लगा और मैं बेहोश हो गया।सीमा कहती हैं, मैंने तो ऐसा कभी कुछ नहीं सुना या देखा। आपको कुछ बहम हुआ होगा।नरेश कहता है यह मेरे साथ पहली बार नहीं हुआ।मैंने ये चीख कई बार सुनी है। मैंने ये इसलिए नहीं बताया, शायद कोई मेरा बहम हो।लेकिन अब यह मेरे साथ लगातार हो रहा है।शायद हमने जो इस घर के बारे में सुना था वो सच हैं।हमें पड़ोस मे थोड़ी पूछ्ताछ करनी चाहिए।सीमा कहती हैं, अगर ये ऐसी बात है तो हमें ये घर खाली कर देना चाहिए।नरेश कहता है फिर हम जाएंगे, कहा मैंने तो अपने पूरे जीवन की पूंजी इस घर पे लगा दी।शायद कोई उपाय करने से सब कुछ ठीक हो जाए।या फिर हो सकता है ये मेरा बहम हीं हो।सीमा भी आस पड़ोस में पूछने की कोशिश करती है।उसे पता चलता है कि इस घर में कुछ लोगों ने इस घर में रहने वाले पति पत्नी को मार दिया और उनकी बेटी को जिंदा जला दिया था।उस लड़की की चीख सुनकर हम सब उस घर की तरफ गए तो वो लड़की जलते हुए इधर उधर घूम रही थी जान बचाने के लिए।हम लोग भी उसकी कोई मदद नहीं कर पाए।क्योंकि जब हम वहाँ पहुंचे तो बहुत देर हो चुकी थी।क्योंकि घर के सभी गेट बंद थे।उन्हें खोलने में टाइम लगा।जब हम पहुंचे तो वह छत पे थी।सीमा कहती हैं, वे लोग कौन थे?पड़ोसी कहते हैं, हमें पक्का तो नहीं पता, इतना पता है किसी ने वे लोग भेजे थे उनको मारने के लिएअब वे जेल में हैं।सीमा ये सभी बात नरेश को बताती है।मैं जल्द ही यह घर खाली कर देना चाहिए।क्योंकि मैंने पता लगाया है की।जो पहले इस घर मेँ आए थे।वे लोग आपस में एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने लगे।उनका अपने दिमाग पर कंट्रोल नहीं था।और एक फैमिली तो इतनी डर गई थी कि वो अगले दिन इस घर को खाली करके चली गई।उनका 3 साल का बच्चा हवा में लटक रहा था।जिसे देखकर वे सब डर गई।वह घर खाली करके चले गए। सीमा और नरेश भी इस घर को छोड़ कर जाने के लिए तैयार हो जाते हैं।बच्चे अभी नहीं सभी। बातों से अनजान थे।उसी रात को उनका बेटा पानी पीने के लिए उठता है।उसे एक चीख सुनाई देती है।वो चीख की तरफ देखता है तो वो सीढ़ियों पर एक औरत की परछाई देखता है।जो खून से लथपथ और आधा चेहरा जला हुआ होता है।उसे देखकर वो ज़ोर से चीखता है।और वहीं पर बेहोश हो जाता है।उसकी चीख सुनकर नरेश और सीमा भी आ जाते हैं।वे उसे उठाने की कोशिश करते है।, लेकिन वह नहीं उठता है।उसका शरीर पूरी तरह से अकड़ जाता है।उसकी ऐसी हालत देखकर सीमा घबरा जाती है।नरेश उसे तुरंत हॉस्पिटल ले के जाता है।रात को यह ऐसी भाग भाग देख के पड़ोसी भी वहाँ आ जाते हैं।और आपस में बात करने लगते हैं। शायद आत्मा ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। और ये लोग आसपास पूछ भी रहे थे इस घर के बारे में शायद इन लोगों के साथ पहले से ही कुछ हो रहा था।तब ये इस घर की जानकारी ले रहे थे।लेकिन उन्होंने बहुत देर कर दी है। मकान खरीदने से पहले ही उन्हें छानबीन करनी चाहिए थी।हम लोगों ने तो पहले सावधान किया था। इस घर में कोई रहना नहीं चाहता।और तभी इस घर की कीमत इतनी कम है।खैर, अब जो भी हो, हमें उनकी मदद करनी चाहिए।पड़ोसी भी उनके पीछे पीछे हॉस्पिटल निकल जाते हैं।।नरेश मदद करने के लिए।पड़ोसियों को साथ देखकर नरेश की हिम्मत बनती है।मैं उस लड़के का चेकअप होता है, डॉक्टर पूछते हैं इसकी तबियत कितने दिनों से खराब है?नरेश कहता है, थोड़ी देर पहले तो बिल्कुल ठीक था, रात को पानी पीने उठा था। और हमें इसके चीखने की आवाज सुनाई दी। जब वहाँ जाकर देखा तो ये बेहोश था। डॉक्टर उस बच्चे का पूरा चेकअप करते हैं, लेकिन उसके किसी भी टेस्ट में कोई बिमारी नहीं आती है।डॉक्टर हैरान हो जाते हैं की इसका शरीर बिना किसी बिमारी के कैसे अक्कड़ सकता है?डॉक्टर उसे हॉस्पिटल में ही रखते हैं। धीरे धीरे वो बच्चा ठीक होने लगता है।तीन चार दिनों बाद उसे वापस घर भेज देते।उस बच्चे की हिम्मत नहीं होती है की वो बता दे की उसने क्या देखा जिससे वह डर गया है?वह अपने घर में डरा हुआ बैठा रहता है।उसे ये ऐसा देखकर सीमा और नरेश भी परेशान हो जाते।उसी रात को बच्चा फिर से बेहोश हो जाता है।और वैसे ही उसका शरीर अकड़ जाता है।वे उसे तुरंत हॉस्पिटल ले के जाते हैं।डॉक्टर उसे वापस ऐसी हालत में देखकर।पूछते हैं।आखिर क्या हुआ इसके साथ?सीमा बताती हैं, ये बैठा था और अचानक बेहोश हो गया। नरेश के पड़ोसी कहते हैं, अगर तुम अपने बेटे को सही सलामत देखना चाहते हो तो तुम यह घर जल्दी से छोड़ दो ये आत्मा तुम्हारे बेटे को मार देगी। नरेश को अब अपने दूसरे बेटे की भी चिंता होने लगती है। जब वे घर शिफ्ट कर रहे थे। तो वो 2 दिन बाद ही छोड़?अपने दादा दादी के साथ चला जाता है।वे सोचते हैं अच्छा है वो यहाँ नहीं है। मैं तो उसे यहाँ लाने की सोच रहा था। अच्छा हुआ उसके आने से पहले यह सब शुरू हो गया, नहीं तो वो भी इस सब में फंस जाता।अब तो हमारा एक बेटा ही इस मुसीबत में पड़ा है।हमें दूसरे की तो चिंता नहीं है। नरेश अपने बेटे को बचाने के लिए।वापस उसे उस घर में नहीं लेके जाता है।वो उसे अपने माँ बाप और बड़े बेटे के पास छोड़ आता है और खुद ही भी वो मकान जल्द ही खाली कर देता है।20 साल बाद भी उसका बेटा उसी तरह बीमार हो जाता है।उसका शरीर अक्कड़ जाता है। तेज आवाज सुनते ही बेहोश हो जाता है। वो उस घर में बहुत कुछ देखें और भुगत चुका था।और वो कभी भी अपने डर से उबर नहीं पाया।आज भी वो मकान बंद ही पड़ा है।उसे कोई नहीं खरीदना चाहता।अब उस घर के साथ नरेश की भी डरावनी कहानी जुड़ गयी।कैसे उसके बेटे को आत्मा ने परेशान किया था।नरेश और उसका परिवार गांव में शिफ्ट हो जाता है।लेकिन उस घर का डर आज भी उसके जेहन में बसा हुआ है। उसका बड़ा बेटा कई बार उन्हें उस घर में जाने के लिए कहता है।वे हर बार मना कर देते हैं।वजह उनका डर और उस घर का वह अनुभव जो उन्होंने वहाँ महसूस किया।
FAQs:-
प्रश्न: क्या यह कहानी सच्ची है?
उत्तर: यह कहानी वास्तविक घटनाओं पर आधारित है जो 20 साल पहले घटी थी।
प्रश्न: उस घर में असल में क्या हुआ था?
उत्तर: उस घर में एक परिवार की हत्या हुई थी और बेटी को जिंदा जला दिया गया था।
प्रश्न: क्या आज भी उस घर में कोई रहता है?
उत्तर: नहीं, आज भी वह घर खाली पड़ा है और कोई उसे खरीदना नहीं चाहता।
प्रश्न: नरेश के बेटे को क्या हुआ था?
उत्तर: उसने जली हुई लड़की की आत्मा देखी थी, जिसका असर आज तक उस पर है।
प्रश्न: क्या भूत-प्रेत वाकई होते हैं?
उत्तर: यह व्यक्तिगत विश्वास की बात है, लेकिन ऐसी घटनाएं कई लोगों के साथ होती रहती हैं।