Meghalaya के Haunted Nohkalikai Waterfall की दिल दहला देने वाली सच्ची कहानी – आत्मा, छलांग और मोहब्बत की त्रासदी
परिचय:-
ये कहानी हैं होंटेड वॉटरफॉल्स जो मेघालय के चेरापूंजी के पास।है। जिसका नाम नोह कलीकाएँ। जो भी उस झरने के आसपास जाता है उसके ऊपर चढ़ने के बारे में जरूर सोचता और उसके ऊपर से छलांग लगा देते हैं।उस झरने का पानी जिस पत्थर पर पड़ता है। कहते हैं उस पत्थर पेउसे। उस इंसान की परछाई दिखती है जिसके बिना वह रह नहीं सकता।या जिससे वह बहुत ज्यादा प्यार करता है।कुछ लोगों का कहना है।वो पत्थर अट्रैक्ट करता है वहाँ से छलांग लगाने के लिए। बहुत सी लड़कियां छलांग लगा चुकी उस झरने से और कुछ लड़के भी।उस झरने के पास बोर्ड पर भी लिखा है।यहाँ से दूर रहे। इस झरने की कहानी शुरू होती है आज से 80 साल पहले। कलीका की जो एक गरीब परिवार की लड़की थी।उसका पापा बहुत मेहनत करते थे, लेकिन फिर भी उनके पास ढंग से खाने के पैसे भी नहीं थे इसलिए कलीका पशुपालन और खेती करती थी।ताकि अपने पापा की मदद कर सके। उस गांव में छोटे छोटे खेत बने हुए थे।उसके बराबर में एक लड़के का खेत था।जो कलिका की मदद करता था खेती करने के लिए।कलिका को उस लड़के से प्यार हो गया।वो भी बहुत स्ट्रांग वाला प्यार उन दोनों सोचा हम शादी कर लेते है। उनके घरवाले भी मान जाते है क्योंकि दोनों एक ही बिरादरी के थे।उन दोनों की जल्दी शादी हो जाती है।कुछ समय बाद उनकी एक बेटी हो जाती है।कनिका के पति को अक्सर काम के लिए बाहर आना जाना पड़ता है।मौसम के कारण उसकी तबियत खराब रहने लगी ।और दिन ब दिन और ज्यादा बिगड़ने लगती है। अब उसका बाहरआना जाना भी मुश्किल हो गया था। वो घर पे ही रहता।कलीका अपने पति से कहती है, तुम्हें डॉक्टर से दिखाना चाहिए।लेकिन उसका पति मना कर देता हैं। वो कहता। मुझे डॉक्टर पर भरोसा नहीं है मुझे घर के इलाज में ही विश्वास है।दोनों की इलाज को लेकर बहुत लड़ाई होती थी।दोनों के बीच झगड़ा बढ़ने लगता है।लेकिन फिर भी। वह डॉक्टर के पास नहीं जाता।और 1 दिन वो मर जाता है।इस बात से कलिका को बहुत दुख होता है।वो सोचती है मैं जिसे इतना प्यार करती थी उसके आखिर समय में भी मैं उसे प्यार से बात नहीं कर सकी और लड़ती रही।उसकेअंदएक अजीब सी भावना घर कर जाती है। मैं जिससे इतना प्यार करती थी, उससे इतना कैसे लड़ सकती हूँ?मुझे उसके आखिरी समय में ज़्यादा प्यार करना चाहिए था।शायद ये उसका पछतावा था। अब उसे अपना और अपनी बेटी का ध्यान रखना था।उसके पति का खेत और कुछ पशु होते हैं वो अपना और बेटी का पेट पालने के लिए काम करने लगती है।लेकिन इतनी छोटी बच्ची होने के कारण वो ढंग से काम नहीं कर पाती थी। और ना ही अपनी बेटी का ढंग से ध्यान रख पाती है।उसे अपनी बेटी की चिंता होने लगती है।वो सोचती मुझे अपनी बेटी के लिए दूसरी शादी कर लेनी चाहिये। वो एक ऐसे लड़के को ढूँढती है जो उससे बहुत ज्यादा प्यार करता हो उसे ही ऐसा लड़का मिल जाता है जो उसे बहुत सालों से प्यार करता था।लेकिन उसके घरवाले उसे वॉर्न करते हैं कि यह लड़का सही नहीं है।लेकिन कलीका अपनी बेटी के लिए उस लड़के से शादी कर लेती है। वो लड़का कालिका को कहता है।मुझे प्यार के बदले प्यार चाहिए।दोनों कुछ प्रॉमिस करते हैं।कलीका उस लड़के से कहती हैं मैं अपनी बेटी के लिए तुमसे शादी कर रही हूँ।मेरी पहली जिम्मेदारी अपनी बेटी के प्रति है।वो लड़का कालिका की बेटी से बहुत प्यार करता है। केवल दिखाने के लिए नहीं बल्कि सच्चे दिल से उससे प्यार करता है। वो बच्ची का अच्छे से ध्यान रखता है।कलिका को अपने निर्णय पर खुशी होती है की मैंने एक अच्छे इंसान से शादी की, जो मेरी बेटी से इतना प्यार करता है। जैसे वो उसकी खुद की बेटी हो।कलिका को उन दोनों को साथ देखकर बहुत खुशी होती। कलिकाअक्सर सुबह जल्दी उठ के खेतों में काम करने के लिए चली जाती।वो रोह सुबह अपने पति को उठाकर जाती तुम हमारी बेटी का ध्यान रखना।मैं आकर खाना बना दूंगी।दो 3 घंटे के बाद कलीका का घर वापिस आ जाती और अपने घर के काम में लग जाती है। उसके बाद उसका पति काम करने के लिए चला जाता। उनकी जिंदगी में रोज़ ऐसे ही चल रहा था।दिन कलीका का पति कहता है।मुझे भी तुम्हारे प्यार की जरूरत है।हम भी अपने बारे में भी सोचना चाहिये।कलीका कहती अभी हमारी बेटी बहुत छोटी है।थोड़ी बड़ी हो जाए फिर मैं भी अपने प्रॉमिस पूरे करूँगी।कलिका का पति फिर अपने बेटी से प्यार करता , उसे घूमाने के लिए ले जाता है।कालिका को खुशी होती है उसका पति उसकी बात कितनी आसानी से समझ गया।कालिका को तो रोज़ खेत में सुबह जल्दी जाना होता था।अपने पति को उठाती थी अपनी बेटी का ध्यान रखने के लिए।लेकिन 1 दिन वो कलिका से पहले ही उठा हुआ था। यह देखकर कलिका का बड़ी हैरानी हुई इसको रोज़ मैं उठाती हूँ। लेकिन आज यह कैसे उठ गया?वो उसका घर के कामो भी हाथ बंटाता है।यह देखकर कलिका को बहुत खुशी हुई कि उसका पति उसे कितना प्यार करता है।ये ऐसे ही बहुत दिनों तक चलता रहा।वह कलिका के काम में मदद भी करता है और बेटी का भी ध्यान रखता। 1 दिन कलिका खेत से घर वापस आती है।तो देखती है घर के बाहर ताला लगा हुआ था।वो खिड़की से अंदर झांक कर देखती है। उसकी बेटी भी अंदर नहीं थी।वो समझती है उसकी बेटी उसके पति के साथ ही होगी। वो वापिस खेत में काम करने के लिए चले जाती है आज उसे घर आते हुए अजीब सी बेचैनी और डर लग रहा था।पहले कभी भी उसे घर की तरफ जा रही पगडंडी पर चलने से डर नहीं लगा था।रास्ते में बहुत अंधेरा था।कलिका का पति घर के बाहर एक लालटेन जलाकर रख देता है ताकि कलिका को आने में परेशानी ना हो। कलिका को खुशी होती है कि उसका पति उसकी कितनी परवाह करता है।जब अंदर आती है तो उसका पति रसोई में होता है।कलीका अपने पति से पूछती हैं हमारी बेटी कहाँ है? वो कहता है अंदर सो रही है।कलीका मैं अभी खाना बना देती हूँ।उसका पति कहता है तुम बैठो, मैंने खाना बना दिया है।यह देखकर और सुनकर कालीका को बहुत हैरानी होती है। उसका पति उसकी कितनी परवाह कर रहा हैं, उसके लिए खाना भी बनाया है।घर के काम में भी वो उसकी कितनी मदद करता है कलिका का पति कहता है आ जाओ, खाना खा लो। कलिका कहती है ठीक है, मैं हाथ पैर धो आती हूँ।उसका पति कहता है बाहर जाने की क्या जरूरत है तुम रसोई में पानी पड़ा है, वहाँ पर हाथ धो लो।कलीका पूछती है खाने में क्या बनाया है? वो कहता है चिकन और चावल।कलीका उस कमरे की तरफ देखती है जहाँ पर उसकी बेटी सोई हुई थी। उस कमरे में अंधेरा था। घर में दो ही लालटेन थी। एक बाहर लगी हुई थी दूसरी रसोई में। कलिका और उसका पति खाना खाने बैठते हैं। कलीका खाना परोसने लगती है।तो उसका पति मना कर देता है, कहता है मैं खाना परोस दूंगा, तुम आराम से बैठो।वह कालिका को चावल और चिकन की तरी और बिना हड्डी बारे टुकड़े डालता है।खुद के लिए वे चिकन से हड्डी वाले टुकड़े रख लेता है।और दोनों जने खाना खाने लगते हैं।का ध्यान बार बार अपनी बेटी की तरफ जा रहा था।वो लगातार इतनी देर नहीं सोती है।लेकिन उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। कमरे में बहुत अंधेरा था।कलिका खाना खाने के बाद बाहर हाथ धोने जाती है।उसे अपने पैरों में कुछ चिपचिपा महसूस होता है। वो सोचती है मैंने हाथ धोये हैं तो छींटे लग गए होंगे पैर पे।वो अंदर आ के देखती हूँ, उसे कुछ खून जैसा लगा।वो घर के बाहर दूसरी तरफ लालटेन ले जाकर देखती है। वहाँ का नजारा देखकर वह चौंक जाती है।वहाँ पर खून ही खून फैला हुआ था।उसकी नजर एक कटोरी पर पड़ती है, जिसमे कुछ उँगली जैसे छोटे छोटे टुकड़े थे।कलीका वो कटोरी अपने पति को दिखाकर बोलती है यह क्या है?उसका पति कहता है ये कुछ नहीं है, तुम आराम से बैठो, मैं तुम्हें सब कुछ बताता हूँ।उसे पकड़कर वह एक जगह बिठाता है।वो कहता है मैंने तुमसे कितनी बार कहा है, मुझे भी तुम्हारे प्यार की जरूरत है।मैंने हम दोनों के बीच का कांटा निकाल दिया। कलीका कहती है तुम्हारा मतलब क्या है, हमारी बेटी कहाँ है?वो कहता है।जो तुम इतनी चाव से खा रही थी चावल के साथ वो और क्या था? मैंने तुम्हारी बेटी के टुकड़े करके तुम्हें ही खिला दिए।अब हमारे बीच में कोई नहीं आएगा।यह सुनकर कलिका दंग रह जाती है। वो तो उसकी बेटी से कितना प्यार करता था, वो उसे मार कैसे सकता है?उसे अपने पति से नफरत होने लगती है।वो घर से बाहर निकलकर दौड़ने लगी।वो सोचती है मैंने अपनी बेटी के लिए शादी की थी, अब मेरी बेटी नहीं रही।तो मेरे जीने का क्या फायदा?वो भागते भागते एक झरने के पास पहुँच जाती है।जब वो उस झरने से नीचे देखती है तो उसे पत्थर पर अपनी बेटी दिखाई देती है।उसे लगा मानो जैसे उसकी बेटी उसे बुला रही हो।और कह रही हो माँ आपने भी मुझे मार दिया मुझे खा लिया।कलिका को खुद से बहुत नफरत होने लगती है।वो कैसी माँ हैं जो अपनी बेटी को भी नहीं बचा पाई?और झरने से उस पत्थर पर छलांग लगा देती है जहाँ पर उसे अपनी बेटी की परछाईं दिखाई दे रही थी।कलिका के कारण नहीं उस झरने का नाम नोह कलिकाएं पड़ा। उसके बाद जो भी उस धरने के बाद वहाँजाता है वो ऊपर से छलांग लगा देता है। कलिका का वो दर्द आज भी वहाँ महसूस होता है।
FAQs :-
Q: Nohkalikai Waterfall का नाम कैसे पड़ा?
A: 'Noh' का मतलब ‘jump’ और ‘Ka Likai’ एक मां का नाम था जिसने दर्द में आकर झरने से छलांग लगा दी थी।
Q: क्या Nohkalikai Waterfall सच में haunted है?
A: स्थानीय लोग कहते हैं कि वहां आज भी मां की आत्मा की चीखें सुनाई देती हैं और पानी के पास अजीब अनुभव होते हैं।
Q: कहानी में क्या मुख्य संदेश है?
A: सच्ची मोहब्बत और आत्मा की तड़प; और किस तरह झूठ और ईर्ष्या इंसान को तबाह कर सकती है।
Q: क्या वहाँ जाना सुरक्षित है?
A: झरने के पास बोर्ड लगे हैं – ‘Stay Away’, क्योंकि वहां गलती से भी छलांग लगाना खतरनाक है।
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