साइबर योद्धा ध्रुव: ठगी से विजय की असली कहानी
ध्रुव को हाईटेक की जानकारी है। वह आईआईटी से बीटेक कर रहा था, लेकिन किसी कारणवश उसे डिग्री नहीं मिली। लेकिन वह एक इंजीनियर से कम नहीं है। टेक्नोलॉजी की समझ और रुचि के कारण वह इंजीनियर है। वह अपने लिए नौकरी ढूंढता है, लेकिन उसे कहीं नौकरी नहीं मिलती। 2 साल हो गए उसे नौकरी ढूंढते । नौकरी देते समय लोग डिग्री देखते हैं। उनकी काबिलियत नहीं। बल्कि उनकी काबिलियत देखी जानी चाहिए डिग्री नहीं। जब ध्रुव इंटरव्यू देते-देते थक गया, तो उसने अपना साइबर कैफे खोलने का सोचा। ध्रुव ने सोचा कि उस व्यक्ति से बात करनी ही होगी। ध्रुव ने ऑनलाइन भी कई इंटरव्यू दिए थे। उनकी तरफ से भी कोई जवाब नहीं आया, जिसका जवाब मिलने की कोई उम्मीद भी नहीं थी। इसलिए ध्रुव अब और समय बर्बाद नहीं करना चाहता था। इसलिए वह जल्द ही अपने पिता से बात करता है। उसके पिता भी मान जाते हैं और अपने जीवन भर की लगभग सारी पूंजी जो उसके पिता ने अब तक बचाई थी, ध्रुव के बिजनेस में लगा देते हैं। बिजनेस चलाने में समय लगता है, लेकिन ध्रुव अपने बिजनेस के लिए बहुत मेहनत करता है। वह आगे बढ़ने की पूरी कोशिश करता है। वह अपने साइबर कैफे में लर्निंग क्लासेस भी चलाता है, जिससे उसका खर्चा चलता है, लेकिन फिर भी उसे कुछ कमाई नहीं हो रही है। वह सोचता है कि पापा ने जो पैसे दिए थे, उनमें से उसे और पैसा लगाना चाहिए। अभी ध्रुव के अकाउंट में 10 लाख रुपए बचे हैं। उसने अभी भी बहुत कम पैसों से अपना बिजनेस शुरू किया था। वह एक अच्छे प्लान के बारे में सोच रहा था। कुछ समय बाद ध्रुव को एक आकर्षक ऑफर मिला, जिसमें उससे पूछा गया था कि वह AI के जरिए अपने बिजनेस को कैसे बढ़ा सकता है। ध्रुव को उनकी वेबसाइट और फ्प्रजेंटेशन बहुत पसंद आई। ध्रुव अपने काम को लेकर इतना उत्साहित था कि उसने वेबसाइट का अध्ययन भी नहीं किया। वह ऑफर से बहुत प्रभावित हुआ और तुरंत जॉइन कर लिया। उसे ट्रायल के लिए 7 दिन मिले ध्रुव को एहसास होता है कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो गया है। वह अपने पिता को सब कुछ बताता है,ध्रुव के पापा भी हैरान हैं। अगर ध्रुव जैसा पढ़ा-लिखा और बुद्धिमान लड़का इन घोटालों में फंस सकता है, तो हम जैसे लोगों का क्या? ध्रुव के पिता ध्रुव को हिम्मत देते हैं, कोई बात नहीं बेटा, हम और पैसे कमाएंगे। पापा कहते हैं, क्या तुमने इसकी शिकायत की? ध्रुव हाँ, पापा मैंने तुरंत शिकायत की, लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे कुछ कर पाएंगे। ध्रुव अपने काम पर वापस आ जाता है, और इसी तरह कई महीने बीत जाते हैं। एक दिन, पुलिस ध्रुव के घर उसे गिरफ्तार करने आई। जब उसके पिता पूछते हैं कि उसने क्या किया है? तब पुलिस उन्हें बताती है कि ध्रुव ने एक कंपनी खोली है, जिसके जरिए वह लोगों से लाखों रुपये ठगता है। वह लोगों से पैसे लेता है, विदेश में नौकरी दिलाने के लिए आधा पैसा एडवांस लेता है, और बाकी आधा काम हो जाने के बाद। ऐसा करके उसने लोगों से लाखों रुपये ठगे हैं। पुलिस वाले इस बात की इस तरह बताते हैं की आसपास के लोग भी कहने लगते हैं कि उनके बेटे के साथ एक बार क्या धोखाधड़ी हुई? उन्होंने लोगों को लूटना शुरू कर दिया; वे खुद ठगे जाने के बाद भी उन लोगों का दर्द नहीं समझते। लोग न जाने कैसे कैसे पैसे इकट्ठे करते इन जैसे लोग उन्हें बर्बाद कर देते हैं। तब तक ध्रुव भी व आ जाता है। घर पर पुलिस को देखकर ध्रुव पापा से पूछता है। पुलिस यहाँ क्या कर रही है?तुमने लोगों के साथ धोखा किया है। ध्रुव कहता मैंने कुछ नहीं किया। पुलिस मामले को विस्तार से जानने की कोशिश करती है। पुलिस कहती है, यह देखो तुम्हारा डिजिटल आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता, यह सब एक कंपनी ब्राइट राइज कंपनी का है, जो लोगों से विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपये लेती है। इसमें से आधा पहले और आधा बाद का होता है; उन्हें विदेश भेजने में छह महीने लगते हैं, और यह कंपनी सिर्फ चार महीनों में लोगों से लाखों रुपये ठगने के बाद गायब हो जाती है। जब हमने इस कंपनी की जांच शुरू की, तो हमें आपका विवरण मिला, इसलिए आपको पुलिस स्टेशन जाना होगा। यकीन मानिए, मैंने ऐसा नहीं किया, लेकिन पुलिस ध्रुव को अपने साथ ले गई। ध्रुव के पिता के डर और बदनामी से घर की स्थिति बिगड़ती जा रही थी। उनकी तबीयत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। पुलिस थाने में ध्रुव से पूछताछ कर रही थी। ध्रुव अपनी बेगुनाही साबित करने में कामयाब हो गया। उसने कहा, सर, मैंने एक ऑनलाइन इंटरव्यू दिया है। इसमें आपको अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड की फोटो अपलोड करनी होती है, और कुछ मामलों में, अपनी बैंक पासबुक भी। हाँ, सर, एक और बात, मेरा इस बैंक में कोई खाता नहीं है। यह बैंक खाता भी मेरे नाम पर धोखाधड़ी से बनाया गया है। ध्रुव ने कहा, सर, मैं ए आई जैसी चीजों का इस्तेमाल करता हूँ और लोगों को कंप्यूटर चलाना सिखाता हूँ। मैंने भी एक धोखाधड़ी का शिकार हुआ हूँ। जिसमें मैंने ₹10,00,000 गंवाए थे। अब आप ही बताइए, सर। मैं
खुद। इसका शिकार हूँ; मैं ऐसा कैसे कर सकता हूँ? माना अगर मैं ऐसा करता भी हूं तो मैं नहीं चाहता कि पुलिस आकर मुझे पकड़ ले, पकड़े जाने का खतरा सबको पता है, इसलिए सबसे पहले मैं खुद को बचाने पर ध्यान दूंगा, चाहे कुछ भी हो जाए, पैसे आएं या न आएं, लेकिन पुलिस मुझ तक नहीं पहुंचनी चाहिए। मैं कुछ ऐसी तैयारी करूंगा, लेकिन इसमें ऐसा लग रहा है जैसे मैं तुम्हें अपने पास ले आया हूं। पुलिस अब और गहराई से जांच करती है, और साइबर विभाग की मदद से उन्हें पता चलता है कि ध्रुव निर्दोष है। उसे वहां पहुंचने में 8 घंटे लगे। जैसे ही ध्रुव खुद को निर्दोष साबित करके घर पहुंचता है, उसे पता चलता है कि उसके पिता को अस्पताल में हैं। उन्हें दिल का दौरा पड़ा है। वह तुरंत अस्पताल जाता है, फिर उसकी माँ उसे सारी बात बताती है। उन्हें ऑपरेशन के लिए ₹5,00,000 की जरूरत है।ध्रुव यह सोचता है। कि मैंने अपने पिता को कितना दर्द दिया है। मैं उन्हें ज्यादा खुशी नहीं दे सका। ध्रुव मन ही मन खुद को कोसता रहता है, तभी उसकी माँ आती है और उसे पैसों का इंतजाम करने के लिए कहती है। ध्रुव पैसों का इंतजाम करने लगता है। वह कई लोगों से मदद मांगता है, लेकिन कोई उसे पैसे नहीं देता। उसने कहा, जिस दिन से पुलिस ध्रुव को ले गई है, उसके आस-पास के लोग उसे नफरत की नजर से देखते हैं। जब ध्रुव कहीं से पैसों का इंतजाम नहीं कर पाया, तो उसने अपना घर गिरवी रख दिया और अपने पिता के ऑपरेशन के लिए पैसे लाए। कुछ दिनों में, उसके पिता पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं ध्रुव को एक विचार आता है। जो लोग ठगे जाते हैं या ऐसे घोटालों में फंस जाते हैं, उनका जीवन बहुत कठिन हो जाता है। ध्रुव एक निर्णय लेता है। वह कहता है, मैं उन लोगों की मदद करूंगा। इसलिए ध्रुव अब ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित करता है जो साइबर हैकर्स को भी हैक कर सकता है, जो उसे एक कदम आगे ले जाता है। वह एक टीम तैयार करता है जिसमें चार लोग होते हैं। वे मिनटों में हर ऑनलाइन चीज की पहचान कर सकते हैं और वह काम कर सकते हैं। अब ध्रुव और उसकी टीम पूरी तरह से तैयार है। ऑनलाइन घोटाले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए, ध्रुव अपने पिता को वही सम्मान देना चाहता है उसे अपना घर बचाना है, अपने पिता की देखभाल करनी है, इसलिए वह जल्द ही अपना काम शुरू करता है। ध्रुव अब उन लोगों की सूची बनाता है जिनके साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई है। उन लोगों की सूची देखकर ध्रुव चौंक जाता है। क्योंकि आंकड़े ऐसे हैं जो बताते हैं कि लोग डिजिटल के लिए तैयार नहीं हैं। जब वह सूची देखता है, जिसमें उसके साथ 51,00,00,000 रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई थी। 2015 में यह बढ़कर 6,00,00,000 रुपये हो गया और 2016 में ध्रुव खुद धोखाधड़ी का शिकार हो गया, जो बढ़कर 7,00,00,000 रुपये हो गया। ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई है, साइबर धोखाधड़ी हुई है, शिकायत दर्ज की गई थी। 2021 में यह 1,37,254 थी, 2022 में बढ़कर 5,15,000 हो गई और अब 2023 में यह बढ़कर 11,28,000 साइबर शिकायतें हो गई हैं धोखाधड़ी की 100% शिकायतें नहीं हुईं, जिन्हें पता नहीं है कि शिकायत कहां दर्ज करें। जब वे पुलिस के पास जाते हैं, तो उन्हें साइबर विभाग में भेज दिया जाता है। साइबर लोग कहते हैं कि पहले उन्हें पुलिस स्टेशन लाओ। इस वजह से कई लोग परेशान हो जाते हैं और शिकायत नहीं करते हैं। ध्रुव एक ऐसा एप्लिकेशन तैयार करता है जिसके जरिए उन लोगों को राहत मिल सकती है। जिनके साथ कुछ समय पहले धोखाधड़ी हुई है। ध्रुव के एप्लिकेशन से जरिए ऐसे कई लोग जुड़ जाते हैं। इन लोगों की संख्या भी कम नहीं थी। ये 1000 लोग हैं, जिनके करोड़ों रुपये ध्रुव वापस दिलवाते हैं। अभी, ध्रुव केवल 52 लोगों को ही पैसे वापस दिला सकते हैं। ध्रुव की टीम कोशिश करती रहती है। ताकि बाकी लोगों को भी उनके पैसे वापस मिल जाएं। उनकी मदद करने से पहले, वह उन्हें बताता है कि वह एक प्रतिशत हिस्सा लेगा। लोगों का भी मानना है किअगर उनके डूबे हुए पैसों में से कुछ पैसा देने पर बाकी रकम मिलती है तो देने में क्या बुराइ है? उन्हें मिले पैसों में से कुछ पैसे वापस मिल जाएंगे वह अपनी कंपनी की टीम को 25% देता है। इतनी बड़ी रकम पाकर टीम भी उत्साहित हो जाती है। ध्रुव जल्द ही अपना घर गिरवी रखा घर उसे मुक्त करा लेता है। वह अपने लिए एक नेटवर्क स्थापित करता है और एक हाई-एंड लैपटॉप खरीदता है। वह सूचना लेने और देने का एक नेटवर्क बनाता है, जिसे वह ऊपर से नीचे तक पैसे देता है। पैसे देने के कारण लोग जल्द ही सूचना दे देते हैं। अब पुलिस भी ध्रुव की मदद लेती है। वह पुलिस की मदद करता है ताकि पुलिस उनके काम में बाधा न बने। जल्द ही, ध्रुव प्रसिद्ध हो जाता है। सभी लोग पहले की तरह ध्रुव और उसके पिता का सम्मान करने लगते हैं। जो लोग ध्रुव के पिता को गाली दे रहे थे, अब उन्हें इस बात का पछतावा है कि उन्होंने सच्चाई जाने बिना उन्हें गाली दी। अब सब ठीक है। कई लोगों को उनके पैसे वापस मिलने लगे हैं।अब चोरी आपके घर में सेंध लगाकर नहीं होती; अब चोरी ऑनलाइन होती है। अब हम डिजिटल जीवन जी रहे हैं। डिजिटल तकनीक के अपने फायदे और अपने नुकसान हैं
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