आशीष हत्या कांड: शक, लालच और परिवार की भयावह कहानी

आशीष हत्या कांड: शक, लालच और परिवार की भयावह कहानी

परिचय

यह कहानी है एक साधारण से बिजनेसमैन 'आशीष' की, जो अपनी मेहनत से आसमान छू गया। लेकिन, परिवार और रिश्तों में दरार ने उसकी जान ले ली। इस कहानी में आपको मिलेगा शक, लालच और हत्या की परतों के बीच छुपा एक दर्दनाक सच। जानें कैसे शक और लालच ने एक खुशहाल जीवन को तबाह कर दिया। इस खौफनाक कहानी को पढ़ने के लिए तैयार हो जाइए।

Suspenseful Homicide Case Crime Scene


एक साधारण बिजनेसमैन आशीष होता है जो शादी होने के बाद अपनी पत्नी सुमन के साथ मां-बाप से दूर अलग रहता है.वो अपने पिता की एक छोटी सी कंपनी को बड़े स्तर तक ले गया था.यह सब उसने अपनी मेहनत से किया उसके पास अब अच्छी खासी प्रॉपर्टी हो गई.दो-तीन दिन से सुमन ऑफिस आ रही थी आशीष नहीं। जब इसकी खबर आशीष के पापा को होती है तो वह सुमन को कॉल करते हैं और पूछते हैं क्या बात है आशीष कुछ दिनों से ऑफिस नहीं आ रहा है।तुम दोनों के बीच सबकुछ ठीक है या नहीं यह जानने के लिए मैं तुमसे मिलना चाहता हूं सुमन कहती है आप घर पर मत आना ऑफिस ही आ जाना मैं घर पर आपकी सेवा करने के लिए नहीं बैठी हूं.आशीष के पापा सुमन से मिलने उसके ऑफिस आ जाते हैं और आशीष के बारे में पूछते हैं.सुमन कहती है मुझे नहीं पता वह कहां है उसे लेकर तो मैं भी परेशान हूं जैसे ही वह घर आएंगे मैं आपको फोन कर दूंगी.आप घर मत आना आशीष के पापा अपने घर वापस आ जाते हैं एक दिन घर की बालकनी में बैठकर अखबार पढ़ने के लिए आते हैं लेकिन उन्होंने अखबार के साथ-साथ चाय की चुस्की लेने का शौक था इसलिए वह चाय बनाकर लाते हैं और अखबार पढ़ते हैं जैसे ही वह अखबार खोलते हैं वैसे उनके हाथ से चाय का कप छूट जाता है.वह छाती पर हाथ रखकर कुर्सी पर गिर जाते हैं आखिर उन्होंने अखबार में ऐसा क्या पढ़ा जिससे उनकी हालत हार्ट अटैक जैसी हो गई. उस अखबार में लिखा था एक सर कटी लाश और खोपड़ी जली हुई मिली है जिसकी गाल की हड्डी पर स्टील की रोड लगी है. ऐसा पढ़ते ही उन्हें पता लगता है कि वह लाश उनके बेटे आशीष की है.वह लाश लेने पुलिस स्टेशन जाते हैं पुलिस कहती है उसका तो हमने अंतिम संस्कार कर दिया है पुलिस उनसे पूछती है। आप में और उसके बीच में क्या संबंध है? वह कहते हैं वह मेरा बेटा है पुलिस कहती है हम कैसे मान ले कि वह आपका बेटा है आपके कहने से आपका बेटा थोड़ी हो जाएगा कोई ठोस सबूत हो.वह कहते हैं बचपन में मेरे बेटे का एक्सीडेंट हो गया था उसके चेहरे की हड्डी टूट गई थी हड्डी जोड़ने के लिए उसके गाल की हड्डी के पास रोड लगी थी अगर आपको यकीन नहीं है मैं आपको उस डॉक्टर का नाम और नंबर दे सकता हूं जिसने उसका ऑपरेशन किया था पुलिस उस डॉक्टर का नाम और फोन नंबर से उस अस्पताल में पता करती है कि वह सच कह रहे थे या नहीं पुलिस अब आशीष के पापा अशोक से पूछती है  आपको कुछ पता है उसकी मौत बारे में उसकी किसी से दुश्मनी वह कहते हैं उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी लेकिन आशीष और उसकी पत्नी का अक्सर झगड़ा होता था.पुलिस आशीष की पत्नी सुमन को बुलाती है और आशीष के कपड़े और बैग दिखाते है क्या यह आशीष के है। सुमन कहती है हां जिस दिन वह घर से गए थे तब उन्हें यही कपड़े पहने हुए थे और यही बैग था इतना कहते ही सुमन रोने लगती है पुलिस अब इस मर्डर केस में उलझ जाती है पहले तो उन्हें पता लगाना था कि क्या यह आशीष ही है किसी के कहने से थोड़ा पुलिस मान जाएगी पुलिस जब आशीष के पापा के बताई गई बातों पर गौर करती है और जांच शुरू करती है तब उन्हें पता लगता है कि वह आशीष ही है अब पुलिस को पता लगाना है कि आखिर इतनी बेरहमी से किसने मारा होगा आशीष को.सबसे पहले शक सुमन पर और आशीष के पापा पर जाता है क्योंकि उसके मरने के बाद सबसे ज्यादा फायदा इन दोनों लोगों को ही था फिर पुलिस नजदीकी रिश्तेदारों से पूछताछ करती है पुलिस सोचती है सुमन ऐसा काम नहीं कर सकती क्योंकि आशीष 7 फीट का लंबा चौड़ा इंसान है और सुमन 5 फीट की वह आशीष को काबू में कैसे कर सकती है लेकिन पुलिस सुमन को क्लीन चिट नहीं देती है पुलिस जब नजदीकी रिश्तेदारों से पता करती है तो सबका कहना यही होता है कि उन दोनों पति-पत्नियों में झगड़ा होता रहता था एक दिन तो सुमन का भाई आशीष को धमकी देता है अगर उसने सुमन को कुछ कहा तो वह उसे जान से मार देगा.अब पुलिस को भी सुमन के भाई पर शक था कि उसने आशीष को मारा होगा पुलिस सुमन के भाई को उठाकर लाती है और सुमन के सामने उसकी खूब खातिरदारी करती है और पूछती है तुमने आशीष को क्यों मारा वह कहता है मैंने उसे नहीं मारा मेरा बस झगड़ा हुआ था पुलिस फिर सुमन के भाई को खूब पीटती है।  यह देखकर सुमन डर जाती है पुलिस ऑफिसर फिर सुमन के भाई से पूछता है तुमने आशीष और धमकी दी थी उसे जान से मारने की वह कहता है मैंने सिर्फ कहा था कि मैं तुम्हें जान से मार दूंगा क्या कहने से ही मार दूंगा अब पुलिस ऑफिसर सुमन से पूछता आशीष के साथ क्या किया और तुम्हारा झगड़ा क्यों होता था तुम सच बता रही हो या फिर तुम्हारी भी खातिरदारी में लेडी पुलिस को बुलाऊं सुमन अपने भाई को देखकर डर जाती है और वह कहती है मैं सबबताने के लिए तैयार हूं. अब आप दिल थाम के सुनना।सुमन अब बोलना शुरू  करती है। मुझे मेरे पति पर शक था कि उनका कहीं अफेयर चल रहा है वह हर दूसरे दिन मुंबई चले जाते थे और मुझे डर था कि कहीं वह अपनी सारी प्रॉपर्टी अपने परिवार वालों को ना दे इसलिए हमारा झगड़ा होता था उनके अफेयर के शक के कारण मैं बहुत परेशान थी कि वह कई कई दिन तक घर नहीं आते थे इसके चलते मैंने अपने ड्राइवर को अपने साथ मिलाया उसने पहले तो मना कर दिया जब मैंने उसे कहा कि जो गाड़ी तुम चलाते हो वह गाड़ी में तुम्हें दे दूंगी और उसकी इंस्टॉलमेंट भी मैं ही दे दूंगी क्योंकि उस गाड़ी का अभी लोन बाकी था जब मैं उसे लालच दिया तो वह मान गया पुलिस कहती है तुमने ड्राइवर को क्यों चुना सुमन कहती है क्योंकि वह मेरे साथ कॉलेज में पढ़ता था और मेरा फ्रेंड था उसका नाम दीपक है एक दिन मैं आशीष की चाय में नींद की गोली मिलाकर दे दी वह बेहोश हो गया फिर मैंने दीपक को फोन करके बुलाया और उससे कहा कि काटने के लिए भी कुछ ले आना.दीपक घर आ जाता है और उसके हाथ में कुल्हाड़ी होती है वह आशीष की गर्दन पर वार करता है जिससे आशीष को होश आ जाता है लेकिन वह कुछ करने की हालत में नहीं होता  है। दीपक उसकी गर्दन पर दो-तीन बार वार करता है जिससे आशीष की मौत हो जाती है लेकिन उसकी गर्दन शरीर से अलग नहीं होती है फिर मैं रसोई से चाकू लाती हूं और धीरे-धीरे उसकी गर्दन को काटती हूं जैसे सब्जी काटते हैं जब गर्दन  अलग हो जाती है तो शरीर में से खून का फवारा निकलने लगता है मैं एक डब्बे में खून इकट्ठा करती हूं लगभग 2 से 3 लीटर खून इकट्ठा हो गया उस डब्बे में। फिर मैं उस सर का रसोई में ले जाकर गैस के बर्नर पर जलाकर उस सर को भून देती हूं शुरू में तो बल जलते हैं स्मेल भी आती है फिर पूरी खोपड़ी ही जल जाती है एक बैंगन के जैसे.फिर मैं वहां की सफाई करती हूं और दीपक आशीष की बॉडी को कपड़े में लपेटता है फिर हम उस बॉडी को ठिकाने लगाने के लिए बेसमेंट में जाते हैं उसे जलाने के लिए लेकिन उसमें स्मेल आने लगती है इसलिए बॉडी वापस कपड़े में लपेटकर गाड़ी में रख देते हैं और पूरी रात इधर-उधर भटकते रहते हैं  फिर एक पेड़ के नीचे झाड़ियां में कुल्हाड़ी को फेंक दिया और खून से भरा डिब्बा उसे कुएं के पास जमीन में दबा दिया जहां यह लाश  मिली थी। कैसे? एक पत्नी कितनी बेदर्दी से अपने पति को मार देती है। वह भी एक शक के चलते जिसका पता भी नहीं वह सच है या झूठ अगर वह एक बार आशीष से बात करती तो हालात कुछ और होते पुलिस सुमन और दीपक को गिरफ्तार कर लेती है पुलिस आशीष के घर और ऑफिस की तलाशी लेती है उन्हें घर में से आशीष की एक डायरी मिलती है जिसमें वह वही बातें लिखता है जो उसे बहुत परेशान करती है कुछ पर्सनल बातें तो ऐसी होती है जो व्यक्ति किसी को बता भी नहीं सकता अब यह डायरी आशीष की आवाज बनने वाली थी.पुलिस इस केस में उन्हीं बातों के बारे में बताती है जो इस केस से संबंधित है.इस डायरी को पढ़ किसी के भी आंसू आ जाए एक पेज पर लिखा था कि मुझे लगता है सुमन मेरे खाने में जहर मिलाकर दे रही जिसके खाते ही मेरी तबीयत खराब हो जाती है कुछ पेज बार लिखा है सुमन मुझे मेरे परिवार से मिलने से मना करती है जब भी मैं अपने परिवार से मिलता हूं तो वह बहुत झगड़ती है और अपने भाई को बुलाकर मेरी पिटाई करवा देती है.15 पेजों के बाद लिखा है आज सुमन ने मुझ से तलाक मांगा और कोर्ट जाने के लिए कह रही है मैं उसे रोकता हूं बच्चों के बारे में कहता हूं देखो तलाक लेने से हमारे बच्चों की जिंदगी भी खराब हो जाएगी लेकिन वह नहीं मानती है और कोर्ट जाने की जिद करती है मैं कहता हूं ठीक हम चल रहे हैं इधर-उधर चाबी का बहाना कभी शूज पहनने में टाइम लगता हूं ताकि कोर्ट के बंद होने का टाइम हो जाएमैं उसे चलने को कहता हूं जब कोर्ट बंद होने का टाइम हो जाता है मुझे पता एक बार कोर्ट बंद हो जाए तो कोई काम नहीं होता है वह मुझे किसी न किसी बहाने से लड़ती है वह बच्चों का बहाना बनाकर मुझे मेंटली टॉर्चर करती है लेकिन मैं अपने बच्चों के लिए यह रिश्ता नहीं तोड़ना चाहता सुमन ने मेरा जीना मुश्किल कर रखा है डायरी पढ़ने के बाद पुलिस और आशीष के चाहने वालों को आशीष का दर्द का पता चलता है यह कैसा रिश्ता है जो एक तो अपने बच्चों के लिए सब सहन कर रहा है और दूसरा अपने शक और लालच के कारण उसकी जान ही ले लेता है. जो अपने बच्चों की भी परवाह नहीं करता.

FAQs:

  1. आशीष कौन था और उसकी हत्या क्यों हुई?
    आशीष एक सफल बिजनेसमैन था। उसकी हत्या उसके परिवार में चल रहे शक और लालच का नतीजा थी।

  2. आशीष की हत्या का मुख्य कारण क्या था?
    हत्या का मुख्य कारण था उसकी पत्नी सुमन का शक और संपत्ति को लेकर द्वेष।

  3. पुलिस ने इस मामले में क्या जांच की?
    पुलिस ने रिश्तेदारों से पूछताछ की, उसकी डायरी का अध्ययन किया, और हत्या के पीछे के कारणों को समझने के लिए सबूत जुटाए।

  4. क्या डायरी में कोई सबूत मिला?
    हां, डायरी में आशीष के दर्द, सुमन के साथ रिश्तों में दरार, और उसके मानसिक तनाव की झलक मिली।

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